महराजगंजः मजबूर बाप अपनी 2 दिव्यांग बेटियों के सर्टिफिकेट के लिए भटकने को मजबूर

डीएन ब्यूरो

महराजगंज जिले का स्वास्थ्य विभाग कितना लापरवाह है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां भुजौली गांव में रहने वाले एक चाय वाले को अपनी दो दिव्यांग बेटियों के सर्टिफिकेट के लिए उन्हें कंधों पर लेकर भटकना पड़ा रहा है। डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में पढ़ें क्या है पूरा मामला



महराजगंजः सिसवा क्षेत्र के भुजौली गांव में प्रशासन की लापरवाही की वजह से एक चाय वाला अपने दो दिव्यांग बच्चों के प्रमाण पत्र बनाने के लिए दर-दर के ठोकरे खाने के लिए मजबूर है। यहां गांव में रहने वाला सुरेश प्रसाद चाय की दुकान चलाकर अपने परिवार के 9 सदस्यों का किसी तरह पेट भरता है।    

 

सुरेश प्रसाद अपनी दो दिव्यांग बेटियों के साथ 

सुरेश की 6 बेटियां है जिनमें से दो बच्चे दिव्यांग है। बड़ी मुश्किल से परिवार का भरण-पोषण करना वाला यह चाय वाला अपने दोनों दिव्यांग बेटियों को कंधे पर बिठाकर जिला संयुक्त चिकित्सालय के चक्कर काटकर अब थक चुका है बावजूद इसके चिकित्सालय में सुरेश की इन दिव्यांग बच्चियों का दिव्यांग प्रामण पत्र नहीं बन पाया है। संयुक्त चिकित्सालय का विभाग इतना लापरवाह हो गया है कि उन्हें इस मबजूर बाप का दर्द भी दिखाई नहीं दे रहा है।   

 

दिव्यांग सर्टिफिकेट के लिए भटकने को मजबूर बाप

सुरेश हर रोज यहां इन दोनों बच्चियों को कंधों पर लेकर आता है लेकिन विभागीय कर्मचारी हैं कि इन दोनों बच्चियों का दिव्यांग सर्टिफिकेट तो दूर सुरेश की सुनते भी नहीं है। इस वजह से जहां सुरेश पूरे दिनभर यहां के चक्कर लगान से जहां तंग आ चुका है वहीं परिवार का गुजर बसर करने के लिए उसके पास और कोई रोजगार भी नहीं है।










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