महराजगंज: स्वच्छता अभियान की जांच के नाम पर शासन को धोखा, मीडिया को मैनेज करने की कोशिश
स्वच्छता अभियान का जायजा के लिये शासन द्वारा गठित जांच टीम ने योजनाओं का जमीनी जायजा लेने के नाम पर सरकार को धोखा देने के अलावा और कुछ काम नहीं किया। टीम ने जांच के नाम पर महज खानापूर्ति की और अपनी झूठी शान बखारने के लिये मीडिया को मैनेज करने का भी प्रयास किया। डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..
पनियरा (महराजगंज): परतावल ब्लॉक के ग्राम सभा बभनौली में स्वच्छता मिशन अभियान की जमीनी हकीकत जानने के लिए शासन द्वारा बकायदा एक नामित टीम का गठन किया गया लेकिन इस लापरवह टीम ने जांच के नाम पर खानापूर्ति के अलावा और कोई काम नहीं किया। लापरवाह अधिकारियों को जब लगने लगा कि उनकी जांच संदेह के घेरे में है तो टीम ने अपनी झूठी शान बखारने के लिये मीडिया को भी मैनेज करने की कोशिश की।
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डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में लोगों ने बताया कि इस जांच अभियान का पहला दिन तो काफी ठीक दिखा और इस कारण बहुत कुछ बदला-बदला भी देखने को मिला। लेकिन बाद में टीम लापरवाही पर उतारू हो गयी। टीम ने गांव का दौरा करना तक उचित नहीं समझा। लोगों में इस बात की खासा चर्चा है कि इस तरह के जांच से क्या फायदा, जब टीम गांव में ही न आये। टीम ने लापरवाही की सारी हदों को पार करते हुए एक जगह बैठकर कुछ लोगों को बुलाया और उनके कहे अनुसार ही जांच काम का खत्म कर दिया। टीम ने गांव का कोई जायजा लिया ही नहीं।
संदेह के घेरे में जांच अधिकारी
जांच करने आये अधिकारी मोहित शुक्ला (जांच अधिकारी) संदेह के घेरे में तब आ गये, जब उन्होंने पत्रकारों को इशारे से बुलाकर इस बात का निवेदन किया कि जो हो रहा है, होने दीजिए। उन्होंने मीडिया वालों से कहा कि आप लोग हमारे बताये अनुसार ही खबर लिखें और भेजें।
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जांच टीम के साथ तहसीलदार सदर, नायब तहसीलदार, विकास खंड अधिकारी परतावल, हल्का कानूनगो व लेखपाल,और प्रधान संग अध्यक्ष परतावल और ग्राम प्रधान मौजूद रहे।