महराजगंज: दहेज हत्या के मामले में 8 साल बाद फैसला, कोर्ट ने लोभी और हत्यारे पति को सुनाई ये सजा

डीएन ब्यूरो

महराजगंज के श्यामदेउरवा थाना क्षेत्र में 2016 में दहेज की मांग को लेकर पत्नी की हत्या के मामले में कोर्ट ने दोषी पति को सजा का ऐलान कर दिया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

कोर्ट ने सुनाई हत्यारोपी पति को सजा
कोर्ट ने सुनाई हत्यारोपी पति को सजा


महराजगंज: जनपद के थाना श्यामदेउरवा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2016 में लोभी पति ने अपनी पत्नी को मौत के घाट उतार दिया था। दहेज हत्या के इस मामले में कोर्ट ने लगभग 8 साल महिला को पति को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष के कारावास के साथ की 3 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही हत्यारोपी को 12000 रुपये  के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है।  

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जनपद के थाना श्यामदेउरवा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2016 में दहेज की मांग को लेकर अपनी पत्नी रोशन जहां की हत्या के मामले में महबूब आलम पुत्र मकबूल आलम निवासी लक्ष्मीपुर भरगांवां, थाना श्यामदेउरवा को अदालत ने दोषी करार दिया। अपर सत्र न्यायाधीश पवन कुमार श्रीवास्तव ने दोषी को 10 वर्ष के कारावास के साथ ही साथ 3 वर्ष के सश्रम कारावास के साथ-साथ ₹12000 / के अर्थदंड से दंडित किया है। 

जानकारी के अनुसार वादी कमालुद्दीन निवासी सोहसा बांसपार थाना श्यामदेउरवा, जनपद महाराजगंज ने अपनी बहन रोशन जहां का विवाह महबूब आलम के साथ 20 फरवरी 2016 को किया था। दान-दहेज के अलावा उसने अपने बहन के नाम से 4 डिसमिल भूमि वसीयत भी कर दिया था। उसी जमीन की रजिस्ट्री वादी का बहनोई महबूब आलम अपने नाम करना चाहता था, जिसको लेकर वह एवं उसकी मां तहरून निशा  आए दिन रोशन के साथ मारपीट करते और उसे जान से मारने की धमकी देते थे। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार 11 अप्रैल 2016 को वादी के बहन रोशन जहां की लाश लक्ष्मीपुर भटगांवा गांव के पास खेत में मिली। इस मामले में थाना श्यामदेउरवा पर मुकदमा अपराध संख्या 111 / 2016 दर्ज कर विवेचना के पश्चात न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किया गया। 

न्यायालय द्वारा पत्रावली पर उपलब्ध सबूतों और गवाहों के आधार पर पत्नी के हत्यारोपी को सजा सुनाई। इस मुकदमे का अभियुक्त महबूब आलम 16 अप्रैल 2016 से ही जिला कारागार महाराजगंज में बंद है।










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