महराजगंज: जानिये शमा और शबीना की दर्दनाक कहानी, एक-दूजे को बचाने में दोनों बहने समा गईं अकाल मौत के मुंह में

डीएन संवाददाता

बकरी चराने गई दो बहने अकाल मौत का शिकार हो गई। दो बहनों की दर्दनाक मौत के बाद गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट में जानिये कैसे एक-दूसरे के बचाने के चक्कर में दो बहने मौत के मुंह में समा गई।

दो सगी बहनों की मौत से गांव में पसरा सन्नाटा
दो सगी बहनों की मौत से गांव में पसरा सन्नाटा


महराजगंज: जिले के कोठीभार थानाक्षेत्र अंतर्गत बेलवां चौधरी गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। सभी लोगों का मन दुखी और कुछ लोगों के आंसू थमने के नाम नहीं ले रहे हैं। इस गांव में दो सगी बहने अकाल मौत के मुंह में समा गईं। दोनों एक-दूसरे को बचाने के चक्कर में हमेशा के लिये खामोश हो गयीं। इन दोनों बहनों की मौत बीती शाम एक गड्ढे में नहाने के दौरान डूबने से हो गई थी। घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। 

बेलवां चौधरी गांव निवासी जमालुद्दीन की 10 वर्षीय पुत्री शमा और  कमालुद्दीन की 11 वर्षीय पुत्री शबीना आपस मे चचेरी बहने हैं। दोनों बहने कल सोमवार शाम करीब 4 बजे गांव के ही कुछ बच्चों के साथ बकरी चराने गई थीं। वहां पास में ही एक गड्ढे में बरसात का पानी इकट्ठा था। कुछ बच्चे उस पानी में नहा रहे थे। बच्चों को पानी में नहाता देख शमा और शबीना भी गड्ढे में उतर गई और खेल-खेल में नहाने लगी। 

कोई नहीं जानता था कि शमा और शबीना का यह खेल उनके जीवन को भारी पड़ जायेगा। पानी में नहाते-खेलते कुछ ही देर में शमा डूबने लगी। शमा को डूबता देख शबीना उसे बचाने में जुट गई। शमा को बचाने के प्रयास में शबीना भी पानी में डूबने लगी। फिर दोनों ने एक-दूसरे को बचाने का प्रयास किया लेकिन दोनों पानी में गहरे समा गये।

दोनों लड़कियों को डूबता देख वहां मौजूद बच्चों ने इसकी सूचना परिजनों को दिया। मौके पर पहुंचकर परिजनों ने दोनों लड़कियों को गड्ढे से निकाला। लेकिन तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस शव को अपने कब्जे में ले लिया। लेकिन परिजनों द्वारा शव के पीएम न कराने की आपत्ति पर पुलिस ने दोनों के शव का पंचनामा बनवाकर परिजनों को सौंप दिया। 

मामले में एसओ धनवीर सिंह ने बताया कि सूचना पर पुलिस मौके पर गई थी। किंतु परिजनों द्वारा पोस्टमार्टम पर आपत्ति जतायी, जिसके बाद पंचनामा बनाकर दोनों बच्चियों के शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। गांव में दूसरे दिन मातम का माहौल है।










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