महराजगंज: सिसवा स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉक्टर की बच सकती थी जान, मृतक के बेटे ने किये बड़े खुलासे, जानिये सुसाइड केस की इनसाइड स्टोरी

डीएन ब्यूरो

महराजगंज जनपद के सिसवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डेंटल डॉक्टर अनिल तिवारी की मौत के मामले में नये मोड़ सामने आ रहे हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट



निचलौल/महराजगंज:  सिसवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात डेंटल डॉक्टर अनिल तिवारी का शव गुरूवार को उनके ठूठीबारी के घर के कमरे में फंदे से लकटता मिला था। जिसके बाद पीड़ित परिजनों में कोहराम बच गया। इस मामले में मृतक डॉक्टर के बेटे का बड़ा बयान सामने आया है। जिसके बाद ये कहा जा रहा है कि पुलिस यदि डॉक्टर के मामलों का संज्ञान लेती को उनकी जान बच सकती थी। इस मामले में मृतक के बेटे कुछ नई बातें भी बताई है।

बता दें कि सिसवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मृतक अनिल तिवारी की तैनाती दो वर्ष पूर्व हुआ था। जहां गुरुवार की सुबह महराजगंज दीवानी में चल रहे केस के मामले में उन्होंने छूट्टी लेकर तारीख देखने गए थे।  बताया जाता है कि वहं से घर लौटते समय उनके बेटे कुशाग्र के मामा व नाना ने रास्ते में रोककर उनको जान से मारने की धमकी देने लगे। 

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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मृतक अनिल तिवारी के पुत्र कुशाग्र ने बताया कि पिछले दो हप्ते पहले भी नाना और मामा ने पैसे के लेनदेन के मामले में उसके पिता को जान से मारने की धमकी दी थी। जिसको लेकर मृतक के पुत्र कुशाग्र ने ठूठीबारी कोतवाली में दिए गए तहरीर पर मामा व नाना के विरुद्ध 504 व 506 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले की जांच चल रही थी।

कोतवाली ठूठीबारी थाना क्षेत्र के ठूठीबारी निवासी मृतक अनिल तिवारी सिसवा में डेंटल डॉक्टर के पद तैनात थे। दो हप्ते पहले डाक्टर अनिल तिवारी के साले व ससुर से पैसे के लेन देन के मामले में कहासुनी हुई थी। जिसके बाद मृतक पुत्र कुशाग्र तिवारी के ठूठीबारी कोतवाली में दिए गए तहरीर पर मुकदमा दर्ज हुआ था। 

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बताया जा रहा है कि अगर पुलिस इस मामले में गम्भीरता से दिलचस्पी दिखाई होती तो आज मृतक की जान बच सकती थी।










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