DN Exclusive: महराजगंज में स्वच्छ भारत अभियान को लगा पलीता, छात्रों को किराये पर दे दिया सरकारी शौचालय

स्वच्छ भारत अभियान और हर घर में शौचालय बनाने की योजना सरकार के एंजेडे में सबसे ऊपर है, लेकिन कई जगह इस योजना को अमलीजामा पहनाने वाले ही इसे पलीता लगा रहे है। महराजगंज में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां शौचालय़ का इस्तेमाल जनसुविधा के लिये नहीं बल्कि पैसा कमाने के लिये किया जा रहा है।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 8 December 2017, 1:15 PM IST
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महराजगंज: केन्द्र और राज्य की मोदी व योगी सरकार के एंजेडे में स्वच्छ भारत अभियान और हर घर में शौचालय की योजना सबसे ऊपर है, लेकिन कुछ लोग सरकार की इस योजना को भी पलीता लगाने में जुटे हुए है। जनता और जनसुविधा से जुड़ी इस योजना को भी काली कमाई का जरिया कैसे बनाया जा सकता है, इसका ताजा उदाहरण सीएम योगी के गृह जनपद से सटे महराजगंज जिले में देखने को मिली। जनसुविधाओं के नाम पर स्थापित शौचालय यहां भ्रष्टाचार की भेंट चढता नजर आ रहा है।

 

शौचालय से 800 रूपये प्रति माह की काली कमाई 

यह मामला है- सदर नगर पालिका में स्थित इन्दिरा नगर, वार्ड संख्या-10 का। यहां लगभग 15 लाख रुपयों की लागत से सामुदायिक शुलभ शौचालय का निर्माण किया गया और इसके संचालन का जिम्मा गोरखा इन्फो मल्टी सर्विसेज को दिया गया। शौचालय की संचालनकर्ता कंपनी ने ज्ञानेन्द्र पटेल को इसकी देख-रेख की जिम्मेदारी सौंपी। ज्ञानेन्द्र पटेल ने शौचालय के जरिये अपनी काली कमाई हेतु एक नायब तरीका ढूंढ़ निकाला और सामुदायिक शौचालय को 800 रूपये प्रति माह के किराये पर दो छात्रों को दे दिया। 

शौचालय के अंदर छात्रों के रहने की जगह और सामान

 

जनता भी काले कारनामे से अनभिज्ञ

डाइनामाइट न्यूज ने सामुदायिक शौचालय में रहने वाले दोने छात्रों से बातचीत की। इन दोनो छात्रों ने ऑन कैमरा स्वीकार किया कि दोनो बाहर से यहां पढ़ने के लिये आये है और शौचालय में रहने के ऐवज में ठेकेदार को प्रतिमाह 800 रूपये किराया देते है। इन छात्रों को यह मालूम नहीं कि वे ठेकेदार के बड़े भ्रष्टाचार का जरिया बन रहे है।

 

चौंकाने वाली बात यह भी है कि शौचालय के इर्द-गिर्द रहने वाली जनता भी इस काले कारनामे से अनभिज्ञ है। 

 

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