महराजगंज: फर्जीवाड़ा कर निवेशकों से करोड़ों की लूट, कोर्ट आदेश ने जगायी न्याय की आस

एक बैंकिंग संस्थान द्वारा गलत तरीके से निवेश के नाम पर कई लोगों के करोड़ों रुपए हड़प लिये गये। जनता की शिकायत के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने फर्जीवाड़े के आरोप में कम्पनी के बिरुद्ध सम्बंधित धाराओं के तहत अभियोग पंजीकृत कर कार्यवाही करने का आदेश दे दिया है।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 6 April 2018, 7:58 PM IST
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महाराजगंज: एक बैंकिंग संस्थान द्वारा गलत तरीके से निवेश के नाम पर कई लोगों के करोड़ों रुपए हड़प लिये गये। जनता की शिकायत के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने फर्जीवाड़े के आरोप में कम्पनी के बिरुद्ध सम्बंधित धाराओं के तहत अभियोग पंजीकृत कर कार्यवाही करने का आदेश दे दिया है।

इससे पूर्व भी गुड लक इंडिया नामक कथित बैंकिंग संस्था के विरुद्ध भी न्यायालय के आदेश पर कोठीभार थाने में कुछ माह पूर्व मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जा रही है।   

ताजे मामले में सिसवा उपनगर निवासी शिवकुमार तिवारी ने धारा 156(3) के तहत न्यायालय में कार्यवाही के लिए शिकायती पत्र दिया।  शिकायती पत्र में कहा गया है कि उदयपुर राजस्थान की अर्थ क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड नामक संस्थान के सीएमडी विजय पांडेय , एमडी मृत्युंजय पांडेय, एमडी आलोक पांडेय (निवासी ग्राम कटया थाना बेलीपार जनपद गोरखपुर), उमाशंकर पाठक आरएम (निवासी ग्राम भड्सरा थाना कप्तानगंज जिला आजमगढ़),डायरेक्टर प्रद्युम्न तिवारी (निवासी सिसवा थाना कोठीभार जनपद महराजगंज) सहित अन्य ने दो वर्ष पूर्व अपने को उपरोक्त बैंकिंग संस्थान में कार्यरत बताते हुए लोगों से अन्य बैंको की अपेक्षा आधे समय में धन दोगुना करने का वादा किया, जिसके बाद हजारो निवेशकों ने उनके संस्थान में अपनी गाढ़ी कमाई जमा करायी।

निवेशकों को विश्वास में लेने के लिए संस्था ने एक शाखा निचलौल कस्बे में खोलकर लोगों के घरों से पैसा जमा करने के साथ ही इंटरनेट के माध्यम से संस्था का पेज दिखाया गया। पैसा जमा कराने के बाद कूटरचित बांड, पास बुक व रसीद भी जारी की गयी। पैसा जमा कराने के बाद खाता की अवधि पूरा होने के बाद भुगतान नहीं हुआ तो प्रार्थी सहित अन्य निवेशकर्ता संस्थान व उपरोक्त ब्यक्तियों में संदर्भ में छानबीन की गयी, तब पता चला कि कंपनी के पास  बैंकिंग कार्य का कोई पंजीकरण नहीं है।

 इस संदर्भ में निवेशकर्ताओं ने जब सम्बंधित ब्यक्तियों से शिकायत की तो संस्थान से जुड़े ब्यक्तियों ने गाली देने के साथ जान से मारने की धमकी देते हुए जमा धन राशि देने से इनकार कर दिया। शिकायतकर्ता ने न्यायालय से यह भी कहा है कि सम्बंधित ब्यक्तियों न सिर्फ नागरिकों के सामने स्वयं को बैंक का मालिक बताकर निवेशकों का धन हड़पने का कार्य किया है बल्कि निवेशकर्ताओं को धमकी भी दी जा रही है। इस मामले में अधिवक्ता प्रशांत श्रीवास्तव ने न्यायालय के समक्ष रखते हुए दोषी ब्यक्तियों को दण्डित करने का न्यायालय से आग्रह किया ।

न्यायालय ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए कोठीभार पुलिस को आदेश दिया है कि प्रस्तुत प्रकरण में अभियोग दर्ज कर विवेचना की कार्यवाही करें। न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस रिपोर्ट दर्ज होने से निवेशकों की न्याय मिलने की आस जग गयी है।  

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