महराजगंज: धमाके में अपने 5 लोगों को खो चुके निसार की सुध लेने वाला कोई नहीं, कहीं मजहब तो नहीं उपेक्षा का कारण?

नगर पंचायत आनंद नगर में रहने वाले निसार के लिये 13 जून की सुबह हमेशा के लिये मनहूस साबित हो गया है। पल झपकते हुए एक धमाके ने निसार से उसके पांच परिजनों को छील लिया था। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी स्टोरी

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 24 June 2021, 5:14 PM IST
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महाराजगंज: नगर पंचायत आनंद नगर के विस्तारित क्षेत्र धानी ढ़ाला पर निसार अहमद का हंसता खेलता परिवार 13 जून को गैस सिलेंडर ब्लास्ट से एक झटके में तबाह हो गया था। इस धमाके में निसार के पांच वर्षीय पुत्र सहित पिता, भाई,पत्नी व एक रिश्तेदार की मौत हो गई। धमाके मे ये लोग घायल हो गये, लेकिन बाद में इलाज के दौरान पांच लोगों की मौत हो गई। दुखों के पहाड़ तले दबे निसार की सुध लेने वाला आज कोई नहीं। दुख-सुख में साथ देने वाले जनप्रतिनिधियों की इस बेरुखी से भी निसार का मन गमगीन है।  

सिलंडेर हादसे में पांच लोगों को गंवा चुके पीड़ित निसार की टपकती आंखें उसके दर्द के दूर से बयां कर देती है। निसार को दुख की इस घड़ी में जनप्रतिनिधियों की बेरुखी और उपेक्षा भी बेहद खलती दिखती है। निसार बताते हैं कि अभी तक किसी बी स्थानीय जनप्रतिनिधि, सांसद, विधायक अथवा प्रशासन ने उनकी सुध लेने की कोशिश तक नहीं की। 

निसार 13 जून की सुबह वाले उस मनहूस मंजर से इतना खौफ में हैं कि वह उस मकान में जाने की हिम्मत तक नहीं जुटा पा रहे हैं और कस्बे से 8 किलोमीटर दूर अपनी बहन के घर रहकर सदमे से उबरने को लगातार प्रयास कर रहे हैं।

निसार अहमद (40)  ने 13 जून रविवार की सुबह एक भयानक मंजर देखा, जो उनके लिये कभी न भूलने वाला दिन हो गया। अभी परिवार के आधे से ज्यादा लोग सोए ही थे कि गैंस सिलेंडर में आग लगने से मची अफरा तफरी की आवाज को सुनकर वह अचानक जग गए। आग लगने से घर की महिलाओ की चीख-पुकार सुनकर भागे-भागे पहुंचे निसार भी आग को बुझाने के लिए बढ़े। अभी जब तक वह कुछ समझ पाते कि अचानक गैंस सिलेंडर के विस्फोट से उनका पूरा कुनबा तबाह हो गया।

इस विस्फोट से किचन से सटे कमरे में सो रहा भाई जावेंद (28) व उनके साथ मासूम अलमास (5) बुरी तरह झुलस गए। शोर सुनकर पहुंचे पिता जमील अहमद (60) पत्नी इमराना (35) व रिस्तेदार फातिमा (30) भी गंभीर रूप से झुलस गई। धमाका इतना जोरदार था कि मकान में दरारें पड़ गई। लोहें के दरवाजें टूट गए। 

विस्फोट की आवाज सुनकर आसपास के क्षेत्र में कोहराम मच गया, पुलिस व पड़ोसियों की मदद से एंबुलेंस द्वारा बनकटी अस्पताल ले जाया गया जहां गंभीर अवस्था देखते हुए मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के लिए रेफर कर दिया गया।इलाज के दौरान पिता,भाई, बेटा ,पत्नी व रिस्तेदार की मौत से पूरी तरह से बदहवास निसार अहमद कुछ बोलते समय रूक कर गमगीन हो जा रहें है।  निसार ने बताया कि गैंस सिलिंडर धमाके ने पूरा जीवन तबाह कर दिया। परिवार को खोनें का दर्द कभी नहीं भूलेगा। मैने पांच संतानों में एक को खो दिया। 

कुदरत की मेहरबानी रही कि चार संतान माज अहमद 10,सोमैया 8,सारा खातून 6 व इरम 4 अपने दादी के साथ छत के कमरें में घटना के थोड़ी देर पहले चले गए थे। उन चार संतानो के चेहरे को निसार पथराई नजरों से देख रहें है। चारो  बच्चे भी घटना को लेकर सदमें में है। आंखों में बेबसी व लाचारी साफ दिख रही है। ह्दय विदारक घटना को सोच कर सभी दहशत में हैं।

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