महराजगंज: ऐतिहासिक महत्व के धानी बाजार में आजादी के बाद से बस स्टैंड का निर्माण नहीं, जनता परेशान

डीएन ब्यूरो

बुद्ध स्थली सिद्धार्थनगर और नेपाल से सीधा संपर्क होने के बावजूद भी ऐतिहासिक महत्व के धानी बाजार में दशकों से बस स्टैंड का निर्माण नहीं हो सका। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट



धानी बाजार (महराजगंज):  बुद्ध स्थली सिद्धार्थनगर और नेपाल से सीधा संपर्क होने के बाद भी यहां के लोग और यात्री दशकों से धानी बस स्टैंड के लिए तरस रहे हैं। कई प्रयासों के बावजूद भी धानी में एक अदद बस स्टेशन न होने से लोगों को कई परेशानियों से जूझना पड़ता है। रोडवेज बस अड्डा न बनने से यात्री वाहन बीच सड़क पर ही खड़े होते हैं, जिस कारण सड़क हादसों का जोखिम बना रहता है।


धानी बाजार की सड़क बुद्ध स्थली सिद्धार्थनगर और नेपाल से सीधा मिलती है। लेकिन आजादी के बाद से अब तक यहां बस स्टैंड का निर्माण नहीं हो सका। कराया गया। यहां न ही रोडवेज बस अड्डा बन सका और न ही प्राइवेट बसें खड़ी करने का स्थान है। इधर उधर जाने वाली बसों को बीच सड़क पर ही खड़ा किया जाता है, जिससे यात्रियों को खुले आसमान के नीचे बसों की प्रतीक्षा करने को मजबूर होना पड़ता है। सड़क पर चलने वाली रोडवेज व प्राइवेट बसें फर्राटे भरते हुए निकल जाती है।

सड़क के किनारे अपने गंतत्य तक पहुँचने के लिए चिलचिलाती धूप, बरसात, ठंड के मौसम में बच्चे, महिलाएं,पुरुष (यात्री) बसों की प्रतीक्षा करते रहते है। जैसे ही हाइवे पर कोई बस रुकती है तो सवारियों में उतरने और चढ़ने की अफरातफरी मच जाती है, जिससे हादसों का भय बना रहता है। यात्रियों की कठिनाइयों को हल करने की दिशा में परिवहन निगम व विभाग उदासीन है।

धानी से फरेन्दा, गोरखपुर, सौनौली, सिद्धार्थनगर, बढ़नी, नेपाल बॉर्डर तक के लिए लोग बसों में सफर करते हैं। जिसमें अधिकांश बच्चे और महिलाएं भी सफर करते हैं। बस संचालकों द्वारा मनचाही जगह पर बसें रोकने से सवारियों को अधिक परेशानी होती है। बस स्टैंड न बनने से सफर करने वाले लोगों को कई सुविधाएं प्राप्त नहीं हो रही हैं। सबसे अधिक परेशानी लोगों को गर्मियों में सफर करते समय होती है।










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