महराजगंजः न डॉक्टर न दवा, सिर्फ नर्स के सहारे चल रहा सिसवा का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, पढ़िये ये ग्राउंड रिपोर्ट

डीएन संवाददाता

महराजगंज जिले के सिसवा में 30 शैय्या वाला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र है। लेकिन वहां न तो डाक्टर मिलते हैं और न ही दवा। सिर्फ नर्स के सहारे अस्पताल चल रहा है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

सिसवा सीएचसी में ठंड के बीच बैठे मरीज और तीमारदार
सिसवा सीएचसी में ठंड के बीच बैठे मरीज और तीमारदार


महराजगंजः सरकार ने मरीजों को हर समय डॉक्टर व दवा उपलब्ध कराकर इलाज का प्रबंध कराने का दावा करती है। लेकिन 30 शैय्या वाले सिसवा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नजारा कुछ और ही है। यहां रात की इमरजेंसी में न तो डॉक्टर बैठते और न ही कोई सुविधाएं मिलती है। सिर्फ मरीजों का इलाज नर्स के सहारे चल रहा है।

डाइनामाइट न्यूज टीम की पड़ताल में खुली पोल 

सिसवा की डाइनामाइट न्यूज टीम ने शनिवार को करीब 8,20 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सिसवा का पड़ताल की। वहां बेड पर सबया ढाला की शीला देवी और लक्ष्मीपुर कोट की फुलझरी भर्ती हुई थीं। इनके अलावा 30 शैय्या का अस्पताल पूरी तरह से खाली था। यहां न तो डाक्टर नजर आए और न ही कोई दूसरा मरीज। सिर्फ नर्स सुमन देवी अपने ड्यूटी पर मुस्तैद थी। मरीजों ने बताया कि सुबह को ही डिलेवरी हुआ है। तभी डाक्टर आये थे। लेकिन अभी तक कोई डाक्टर पूछने तक नहीं आया। 

डाक्टर थे ट्रैनिंग पर

शनिवार की रात इमरजेेंसी में डाक्टर मुकेश जायसवाल की ड्यूटी लगाई गई थी। लेकिन वह ट्रैनिंग के लिये बाहर गए हुए गये थे। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के बाहर अलाव की लकड़ियां रखी गई थी। लेकिन उसमें आग न होने से बुझी हुईं नजर आई। पूरा अस्पताल सन्नाटा में तब्दील था। न तो कहीं डॉक्टर थे और न ही कोई मरीज। बिजली की टिमटिमती रोशनी सरकारी व्यवस्था में पोल खोल रही थी। 

क्या बोले जिम्मेदार 

प्रभारी चिकित्साधिकारी डाक्टर राकेश कुमार ने डाइनामाइट न्यूज टीम को बताया कि इमरजेंसी की नाईट ड्यूटी डॉक्टर मुकेश कुमार जायसवाल की लगाई गई है। लेकिन वह बाहर टे्निंग में गए हुए हैं। जरूरत पड़ने पर हर केस को मैं ही देख रहा हूं।










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