महराजगंज: रात के अंधेरे में कोतवाली पुलिस ने सिंदुरिया चौराहे पर मचाया नग्न तांडव, अनगिनत गरीब दुकानदारों को उजाड़ा, मचा हाहाकार, चुनाव से पहले भाजपा के प्रति जनता में भारी आक्रोश

डीएन ब्यूरो

जिले के सबसे बदनाम इंस्पेक्टरों में शुमार शहर कोतवाल रामदवन मौर्य ने बीती रात को काले अंधेरे में जनपद मुख्यालय से महज दस किमी की दूरी पर भयानक तांडव मचाया है। पच्चीसों साल से चौराहे पर रह रहे गरीबों को एक झटके में उजाड़ डाला। ऐन लोकसभा चुनाव से पहले गरीबों के साथ हुई इस ज्यादती को लेकर आम जनता में भाजपा के प्रति जबरदस्त गुस्से का माहौल है। जिसका खामियाजा संसदीय चुनाव में भाजपा को भोगना पड़ सकता है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव..



महराजगंज: सत्तारुढ़ पार्टी के एक जनप्रतिनिधि की कृपा पर पौने दो साल से लगातार शहर कोतवाल की कुर्सी पर काबिज जिले के सबसे बदनाम और विवादित थानेदार रामदवन मौर्य ने बीती रात तो गजब ही कर दिया। जेसीबी मशीन के दम पर सिंदुरिया चौराहे के दो दर्जन गरीब दुकानदारों को रात के अंधेरे में एक झटके में उजाड़ कर सड़क पर फेंक दिया गया। 

इन दुकानदारों ने रोते-बिखलते हुए डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि वे पिछले पच्चीसों साल से सिंदुरिया चौराहे पर अपने ढ़ेले-खोमचे लगाकर अपना जीवन यापन करते थे। उनकी झोंपड़ी भी यही पर थी जहां पर खुले आसमान के नीचे रात बीताते थे। इस बीच अचानक कल रात अंधेरे में कई गाड़ियों से शहर कोतवाल रामदवन मौर्य, सीओ सदर देवेन्द्र कुमार और एसडीएम सदर सत्यम मिश्र सिंचाई विभाग के कर्मचारियों के साथ पहुंचे। इसके बाद जबरदस्त तांडव मचा। किसी को बिना कुछ कहे लगे अचानक धावा बोल तोड़-फोड़ मचा गरीबों के सामानों को सड़क पर फेंकने। जब इसका कारण पीड़ितों ने पूछा तो शहर कोतवाल ने इन लोगों के साथ बदसलूकी की और गाली-गलौज पर उतर आय़े। 

तोड़-फोड़ के बाद बिखरा सामान बयां कर रहा पुलिसिया जुल्म की दास्तां

पीड़ितों ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि जब वे इस नग्न तांडव को अपने मोबाइल में कैद कर रहे थे तो शहर कोतवाल ने उनके मोबाइल छीनकर अपने पास रख लिय़े। पुलिस वालों ने मानव अधिकारों का घनघोर उल्लघंन करते हुए किसी को इस अराजकता की फोटो तक लेने नही दी। 

गुरुवार की सुबह पीड़ितों के फोन डाइनामाइट न्यूज़ के पास घनघनाने लगे। जब मौके पर डाइनामाइट न्यूज़ की टीम पहुंची तो लोगों को रो-रोकर बुरा हाल था। सब भाजपा सरकार को कोस रहे थे। गरीब जनता का कहना था वे इस नग्न तांडव की शिकायत मुख्यमंत्री से करने गोरखनाथ मंदिर जाने की तैयारी कर रहे हैं। यदि गोरखपुर मुलाकात नही हुई तो वे सब लखनऊ जाकर महराजगंज के जिला प्रशासन के खिलाफ अनशन करेंगे।

एक पीड़ित पुजारी ने बताया कि वह एक पीपल के पेड़ के पास मंदिर बना कर पूजा-पाठ करता था और कोतवाल ने हमारे मंदिर को भी नुकसान पहुंचा दिया। दुकानदारों के अनुसार एक बच्ची को चोट भी आयी है और कई स्कूली बच्चों का प्रवेश पत्र भी मलबे के नीचे गुम हो गया है। कई लोगों का ये भी कहना था वे एक हजार रुपये महीने का किराया भी देते थे। यही नही कई लोगों ने जमीनों का पट्टा भी कराया था और इसकी रसीद भी ले रखी है।

कोतवाल के जेसीबी मशीन से मचाये गये तांडव के बाद बिखरा मलबा

 

ये है मामला

डाइनामाइट न्यूज़ की पड़ताल में ये तथ्य सामने आया है कि करीब दो दर्जन दुकानदार बीते 25-30 साल से सिंदुरिया चौराहे पर सिंचाई विभाग की जमीन पर अपना गुजर-बसर रहे थे। इन्हें बिना किसी नोटिस के कोतवाली पुलिस ने खुली गुंडागर्दी करते हुए उजाड़ दिया।

रात के अंधेरे में क्यों किया गया ये आपरेशन

चोर की दाढ़ी में तिनका वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए कोतवाली पुलिस ने इस आपरेशन को रात के अंधेरे में अंजाम दिया। इससे साफ है कि कहीं न कहीं दाल में काला है। यदि वाकई ये गरीब गलत तरीके से काबिज थे तो क्यों नही इन्हें नोटिस देकर बाकायदे सूचित किया गया और अन्य अतिक्रमण अभियानों की तरह सार्वजनिक तौर पर लाउडस्पीकर से मुनादी कराकर दिन में इस आपरेशन को अंजाम दिया गया?

सीएम को क्या जवाब देंगे जिम्मेदार?

अब सवाल ये है कि जब मुख्यमंत्री जवाब तलब करेंगे तो फिर शहर कोतवाल जवाब क्या देंगे। चुनाव आय़ोग से निर्धारित समय सीमा पूरी होने के बाद भी जुगाड़ के सहारे जिले में टिके शहर कोतवाल जिले में भाजपा की जबरदस्त भद पिटवाने में लगे हैं। जनता जिस तरह पुलिसिया तांडव की शिकार हुई है उससे यह आसानी से समझा जा सकता है कि कुछ दिनों बाद भाजपा के लोग इनसे वोट मांगने जायेंगे तो उनकी क्या हालत होगी। 

एक पीड़ित पुजारी ने बताया कि वह एक पीपल के पेड़ के पास मंदिर बना कर पूजा-पाठ करता था और कोतवाल ने हमारे मंदिर को भी नुकसान पहुंचा दिया। दुकानदारों के अनुसार एक बच्ची को चोट भी आयी है और कई स्कूली बच्चों का प्रवेश पत्र भी मलबे के नीचे गुम हो गया है। 

ये कहना है सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता

इस मामले में जब डाइनामाइट न्यूज़ से सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता प्रथम सुरेश कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद नहर के किनारे जमीनों को खाली करवाया गया है और इन लोगों को इसकी नोटिस भी जारी की गयी है। इनका कहाना है कि इस बारे में डुग्गी भी लगवाई गई थी।

एसडीएम का बयान

इस बारे में डाइनामाइट न्यूज़ ने जब एसडीएम सदर सत्यम मिश्रा से पूछा तो उन्होंने कहा कि वे सुरक्षा के दृष्टिगत मौके पर गये थे। बाकी उनका किसी चीज से लेना-देना नही है। ये सारा मामला सिंचाई विभाग का है औऱ उन्हीं का इससे लेना-देना है।










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