यूपी के महराजगंज में CMO और CMS का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल, रेमडेसिविर इंजेक्शन का मामला

डीएन ब्यूरो

कोरोना के कहर से बुरी तरह जूझ रहे उत्तर प्रदेश में योगी सरकार भले ही सब कुछ ठीक होने की बात कर रही हो लेकिन जमीनी हकीकत बेहद चिंताजनक है। हर तरफ लाचारी, बैचेनी और वेदना का मंजर है। महराजगंज जिले के वीडियो सरकार की आंखे खोलने को काफी है। पढिये डाइनामाइट न्यूज की एक्सक्लूसविव रिपोर्ट



महराजगंज: कोरोना संकट से बुरी तरह जूझ रहे उत्तर प्रदेश की जनता को सीएम योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार भले ही हर रोज सब कुछ ‘ऑल इज वेल’ होने का संदेश दे रही हो लेकिन महामारी के इस दौर में राज्य व नागरिकों की हालत बेहद दयनीय और चिंताजनक है। कोरोना संकट में चारों तरफ यूपी में लाचारी, बेदना, पीड़ा और आंसुओं का मंजर देखा जा रहा है। संकट में फंसे लोग मरहम पाने को सरकार और उसके सिस्टम के दर पर पहुंच रहे हैं, लेकिन वहां से भी दवा की जगह दुत्कार, लाचारी और आंसू ही मिल रहे हैं। 

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक ताजा मामला सीएम योगी के गृहनगर गोरखपुर के पड़ोसी जनपद महराजगंज का है, जहां एक कोविड-19 मरीज के परिजन को रेमडेसिविर इंजेक्शन न दे पाने के कारण लाचार CMS डॉ. ए के रॉय कैमरे के सामने ही फफक कर रोने लगे। रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिये गिड़गिड़ाते जरूरतमंद के सामने हाथ जोड़ते, ऑफिस टेबल पर अपने हाथों के सहारे माथे को टिकाकर बैठे डीएमएस वेदना की खोमीशी के साथ अपने लाचारी के आसुंओं को छुपा न सके और फफककर रोने लगे। उनका यह वीडियो अब तेजी से वायरल हो रहा है। 

सिस्टम की यह लाचारी तब और भी बड़ी, गंभीर व चिंताजनक नजर आयी, जब CMS डॉ. ए के रॉय की लाचारी को देख मरीज का परिजन बाद में सीएमओ के पास जा पहुंचा और वहां भी गिड़गिड़ाते हुए रेमडेसिविर इंजेक्शन का निवेदन करने लगा। सीएमओ भी लाचार नजर आये और उन्होंने भी मरीज के परिजन को कह दिया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है।

महराजगंज के सीएमओ का यह वीडियो भी वायरल होने लगा है। इस वीडियो में लाचार सीएमओ साफ कहते नजर आ रहे हैं कि रेमडेसिविर इंजेक्शन से किसी की जान नहीं बचती। सीएमओ उस डॉक्टर को भी फोन करते दिख रहे हैं, जिसने मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन का प्रीस्क्रिप्शन लिखकर दिया। सीएमओ उस डॉक्टर को भी रेमडेसिविर के बाजए किसी दूसरे इंजेक्शन का नाम लिखने का सुझाव दे रहे हैं। 

जनपद में कोविड-19 मरीज के प्राण बचाने को आतुर परिजन, जिम्मेदारों की लाचारी, विवश आंखों के आंसू, रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत, सरकारी दावे जैसे इस पूरे परदृश्य को लेकर डाइनामाइट न्यूज़ ने जब जिले के डीएम से बात करनी चाही तो वह बैठक में थे और उनसे बात न हो सकी। पहले से ही ‘लाचार’ सीएमओ ने भी डाइनामाइट न्यूज संवाददाता का फोन नहीं उठाया। लगता है कि मरीजों के साथ-साथ हर अफसर भी लाचार और बेबस हो गया है। 
 










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