महराजगंज निकाय चुनाव: नगर पंचायत आनंदनगर के अध्यक्ष की रेस इस बार नये ट्रैक पर, जानिये सारा सियासी खेल

डीएन ब्यूरो

महराजगंज जनपद के नगर पंचायत आनंदनगर में अध्यक्ष पद के चुनाव में इस बार कई कुछ बदला हुआ है। यहां सपा उम्मीदवार अर्चना गुप्ता सबसे अमीर प्रत्याशी हैं और उनके बाद इस फेहरिस्त में भाजपा उम्मीदवार विजय लक्ष्मी का नाम आता है। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिये यहां का पूरा सियासी समीकरण

दिलचस्प होती जा रही है आनंदनगर की लड़ाई
दिलचस्प होती जा रही है आनंदनगर की लड़ाई


फरेंदा (महराजगंज): नगर पंचायत आनंदनगर अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज होने के लिए अब मैदान में खड़े उम्मीदवारों में जोर आजमाइश तेज हो गई है। इस बार यहां कई चीजें बदली हुई है इसलिये यह सियासी रेस एक तरह के नये ट्रैक पर होने जा रही है। प्रत्याशी मतदाताओं को रिझाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। 

दोबारा नहीं मिली कुर्सी

डाइनामाइट न्यूज़ आपको यह भी बताता है कि वैसे आनंदनगर की जनता ने अभी तक किसी को भी दोबारा कुर्सी पर काबिज होने का मौका नहीं दिया है। इस बार भी महिला सीट होने के कारण निवर्तमान को दोबारा मौका नहीं मिलने वाला है फिलहाल, प्रत्याशी जीत के लिए पूरी ताकत से मैदान में डट गए हैं और लोक लुभावने वादों के साथ जनता के बीच जाकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं।

इतिहास: 8 साल बिना अध्यक्ष का नगर पंचायत
नगर पंचायत आनंदनगर का गठन 16 जनवरी 1979 को हुआ था लेकिन यहां तत्काल चुनाव न हो सके इसलिये गठन के लगभग नौ वर्ष तक प्रशासक के रूप में जिलाधिकारी व उपजिलाधिकारी ने यहां की जिम्मेदारी संभाली। पहली बार अध्यक्ष का चुनाव 1988 में हुआ, तब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी।

जयप्रकाश लाल बने पहले अध्यक्ष
पहली बार के चुनाव में जयप्रकाश लाल को नगर पंचायत के पहले अध्यक्ष के रूप में कुर्सी पर काबिज होने का गौरव प्राप्त हुआ। उन्होंने एक दिसंबर 1988 से लेकर 20 जनवरी 1994 तक जिम्मेदारी संभाली। नगर पंचायत के दूसरे अध्यक्ष विभूति राम गुप्त ने एक दिसंबर 1995 से लेकर 2000 तक जिम्मेदारी का निर्वहन किया। तीसरे अध्यक्ष के रूप में महिला सीट से हुमेरा खातून चुनी गईं। वे एक दिसंबर 2000 से 30 नवंबर 2005 तक नगर पंचायत की कुर्सी पर काबिज रहीं। उसके बाद कोई भी महिला नगर पंचायत की कुर्सी पर काबिज नहीं हो पाई। चौथे अध्यक्ष के रूप में अशोक जायसवाल ने एक दिसंबर 2006 से 30 नवंबर 2011 तक जिम्मेदारी संभाली। 

अंतिम कार्यकाल 13 दिसंबर 2022 तक 
पांचवें अध्यक्ष के रूप में 18 जुलाई 2012 को विनोद कुमार गुप्त चुनाव जीत कर कार्यकाल पूरा किया। उनका कार्यकाल 29 जुलाई 2017 तक रहा। छठवें अध्यक्ष के रूप में राजेश जायसवाल ने जीत दर्ज कर अपना कार्यकाल पूरा किया। उनका कार्यकाल 13 दिसंबर 2017 से 13 दिसंबर 2022 तक रहा।

इस बार अलग चुनावी परिस्थितियां
इस बार के नगर पंचायत के चुनाव में परिस्थितियां कुछ अलग दिख रही हैं, मुद्दे बदले हैं तो कई नेताओं के दिल भी बदले हैं। नगर के विस्तारीकरण के कारण कई गांव भी नगर में जुड़ चुके हैं, जिस कारण प्रत्याशियों को पहले की अपेक्षा इस बार अधिक पसीना बहाना पड़ रहा है। प्रत्याशी के समर्थन में मतदाता भी पूरी निष्ठा के साथ झंडा बैनर के साथ भ्रमण कर रहे हैं लेकिन कौन कब करवट बदल ले, इसका किसी को कुछ पता नहीं। कुल मिलाकर प्रमुख दल भीतरघात से भी हलकान हैं।

सपा प्रत्याशी अर्चना गुप्ता सबसे अमीर 
फरेंदा नगर पंचायत आनंदनगर चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करने वाली समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार अर्चना गुप्ता पर्चा दाखिल करने वालों में सबसे अधिक अमीर है। अमीरी के मामले में यहां दूसरे नंबर पर निवर्तमान अध्यक्ष की पत्नी और भाजपा प्रत्याशी विजय लक्ष्मी जायसवाल हैं। 

सभी प्रत्याशियों की चल-अचल संपत्ति
सपा प्रत्याशी अर्चना गुप्ता के पास 1,98,67,745 रुपये की चल अचल संपत्ति है। भाजपा प्रत्याशी विजय लक्ष्मी जायसवाल के पास 15 लाख 15 हजार रुपये की चल अचल संपत्ति है। कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी मंजू मौर्या जो पहले जिला पंचायत सदस्य और प्रधान रह चुकीं हैं इनके पास 135000 की चल अचल संपत्ति है। बहुजन समाज पार्टी की प्रत्याशी जानत्रीय देवी के पास 53100 रुपये की संपत्ति है।

आम आदमी पार्टी की साबिया खातून के पास मात्र सात हजार रुपये की संपत्ति है। निर्दल प्रत्याशी प्रियवंदा शिक्षा में सबसे अधिक है। वह परस्नातक है। उनकी चल अचल संपत्ति 3,90,000 है। निर्दल प्रत्याशी गीता रानी की चल अचल संपत्ति 3 लाख दस हजार है।

चुनावी टक्कर का गणित
डाइनामाइट न्यूज़ ने यहां के वोटरों से बात की। मतदाताओं का मानना है कि यहां समाजवादी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के प्रत्याशी में टक्कर देखने को मिल रही है। हालांकि बसपा प्रत्याशी भी मुकाबले को दिलचस्प बनाने की कोशिश में हैं। कुछ पारंपरिक वोट भी इस चुनाव में इधर से उधर शिफ्ट हो सकते हैं। ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि शिफ्ट होने वाले वोटों का नफा-नुकसान किस प्रत्याशी को होता है।  

कुल मतदाता- 37,455

पुरुष मतदाता -19710
महिला मतदाता-17745










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