महराजगंज निकाय चुनाव: घुघुली नगर पंचायत अध्यक्ष के दावेदार चला रहे ये सियासी तीर, समझिये जनता का मूड़ और प्रत्याशियों का एजेंडा

डीएन संवाददाता

घुघुली में नगर पंचायत चुनाव होने जा रहे हैं। जैसे–जैसे मतदान की तारिख नजदीक आ रहे है वैसे–वैसे पार्टियां प्रचार में पूरी ताकत झोंकने में लग गई है।  प्रत्याशी अपने–अपने प्रचार में दम-ख़म के साथ जुट चुके है। डाइनामाइट न्यूज से बीजेपी प्रत्याशी ने अपने एजेंडा और मुद्दो के बारे में बात की



महराजगंज: घुघुली नगर पंचायत अध्यक्ष के पद के लिये यहां कुल 8 प्रत्याशी मैदान में उतरे हुए है। लेकिन पार्टी प्रत्याशी के रूप में केवल बीजेपी उम्मीदवार ही मैदान में है। बाकी सभी निर्दलीय बनकर ही चुनावी ताल ठोक रहे है। डाइनामाइट न्यूज़ घुघुली नगर पंचायत अध्यक्ष पद के चुनावी समीकरण को समझने और सुलझाने के लिये यहां के लोगों और उम्मीदवारों के बीच पहुंची।  

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता ने जब घुघुली नगर पंचायत से बीजेपी प्रत्याशी ओम प्रकाश गुप्ता से बात की तो उन्होंने घुघुली नगर पंचायत के चेयरमैन का बिना नाम लिए  ही उन पर तीखा हमला बोला।

भ्रष्टाचार की कराएंगे जांच

ओम प्रकाश गुप्ता ने बताया कि लगातार 15 वर्षों से घुघुली जनता अपने आप को कोसती नजर आती है। 15 वर्षो से घुघुली नगर पंचायत भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा हुआ है। उन्होंने  अपने मुद्दों को जनता के बीच में रखते हुए बताया कि यदि जनता हमको जिताती है तो अब तक जो भी भ्रष्टाचार नगर पंचायत घुघुली में हुआ है, उसकी जांच होगा और जनता को जो मूलभूत सुवधाएं अब तक नहीं मिल रही था, वे उसे जनता को दिलाएंगे। 

चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी प्रत्याशी ने डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में उनका विजन बिल्कुल साफ़ है। उन्होंने कहा कि गरीबों की सेवा करना, जरूरतमंदों को पेंशन, आवास, पक्की सड़कें बनाने के साथ-साथ घुघुली को एक आदर्श नगर पंचायत के रूप में विकसित करना उनका पहला लक्ष्य है।

निर्दल प्रत्याशी भी जोर-शोर से ठोक रहे ताल

यहां निर्दल के रूप में प्रत्याशी लगातार 15 वर्षों से चेयरमैन की कुर्सी पर काबिज होते रहे हैं। इस बार भी निर्दल प्रत्याशी अपने मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रहे है और जनता से सहयोग की अपील कर रहे  है। लेकिन बहुत कुछ बोलने से इंकार भी कर रहे है।

अंग्रेजों का बसाया कस्बा और 11 वार्ड

नगर पंचायत घुघुली की अगर बात करें तो इसमें कुल 11 वार्ड है। यह कस्बा अंग्रेजों के जमाने का बसा हुआ है, जो विकास के नाम पर हमेशा छला ही गया। प्रत्याशियों की बात करें तो यहां पार्टी का एक के अलावा सभी निर्दल प्रत्याशी ही नजर आ रहे।

क्या टूट सकेगा 15 सालों का रिकार्ड

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि घुघुली में निर्दल प्रत्याशी के जीतने का 15 वर्षों का रिकार्ड टूटता है या फिर कोई निर्दल इस कुर्सी पर बरकरार रहता है।










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