Site icon Hindi Dynamite News

महराजगंजः मासूम खुशी की बच सकती थी जान, मामले में जानिये ये बड़ा खुलासा

महराजगंज जनपद के नौतनवा थाना क्षेत्र के बगहा में एक मासूम बच्ची खुशी की जान जिम्मेदारों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई। अगर समय रहते मानवता दिखाई होती तो खुशी आज अपने बहनों, भाईयों के साथ किलकारी भर रही होती। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
महराजगंजः मासूम खुशी की बच सकती थी जान, मामले में जानिये ये बड़ा खुलासा

महराजगंजः जनपद के नौतनवा थाना क्षेत्र के बगहा में एक मासूम खुशी को लेकर मीडिया, पुलिसकर्मी और बाल संरक्षण विभाग एक दूसरे पर तंज कसते रहे। आखिरकार खुशी ने अभी ठीक से अपने पैरों पर चलना भी नहीं सीखा था कि 16 दिसंबर की सुबह 10 बजे उसने संसार को अलविदा कह दिया।

बता दें कि मृतक खुशी की बड़ी बहन लक्ष्मी (20 वर्ष) ग्रामसभा खोरिया में रहती है। इसका भाई गुडडू (17 वर्ष) नौतनवा में कहीं रहता है, घर पर नहीं रहता। एक पंद्रह वर्षीय भाई चंदन दिल्ली में है। 12 वर्षीय भाई शेरू कन्नौज के चाइल्ड लाइन में है। बहन संजना (7 वर्ष), भाई हनुमान (साढे 3 वर्ष) है। इसकी मां गेना कहीं चली गई है।

मृतक के पिता बिगाडू नशे की लत में कहां चला गया, किसी को कोई अता-पता नहीं है। इन बच्चों की मौसी संजू व मौसा मिश्रवलिया ब्लाक में सफाईकर्मी हैं। 

प्रधान का पत्र 

प्रधान के पत्र से हुआ खुलासा 
इस पूरे प्रकरण में ग्राम पंचायत बगहा थाना नौतनवा के पूर्व प्रधान सलाहुदीन खान पुत्र अमीनुददीन खान ने एक पत्र के माध्यम से सारी सच्चाईयों को उजागर किया है।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार पूर्व प्रधान सलाहुदीन ने पत्र के माध्यम से कहा है कि तीन बच्चे रेलवे क्रासिंग के पास रेलवे के टीन शेड में रह रहे हैं, जिनकी खानपान और देखरेख गांव वाले एवं हम लोग करते हैं। करीब एक सप्ताह पूर्व मैंने एवं गांव वालों ने नजदीकी पुलिस व 112 पर कई बार इन बच्चों की सूचना दी।

किसी ने नहीं किया सहयोग

कई दिन तक पुलिस बच्चों को देखने भी आई। पुलिस देखकर चली जाती थी लेकिन कोई सहयोग नहीं करती थी। इसके बाद मैंने व ग्रामवासियों ने 1098 पर मैंने काल किया लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला। मजबूरन मैंने नंबर खोजकर 15 सितंबर को सुबह सात बजे मैंने चाइल्ड हेल्प लाइन पर फोन किया तो करीब बीस मिनट के बाद चाइल्ड लाइन के कर्मचारी सुबोध यादव द्वारा फोन रिसीव किया गया।

उनका कहना है कि बच्चों के विषय में सारी जानकारी देते हुए मैंने उन्हें बताया कि तीन बच्चे रेलवे क्रासिंग के पास रेलवे के टीन शेड में रह रहे हैं जिनकी खानपान और देखरेख गांव वाले एवं हम लोग करते हैं। 1098 द्वारा सुबोध के मोबाइल नंबर 9005878750 पर भी काल आया था।

पूर्व प्रधान सलाहुदीन ने बताया कि सभी प्रक्रिया में समस्त ग्रामवासी राजेश, गौरी, मोहम्मद सलीम, यासीन, सावित्री देवी, रामप्रसाद, दिनेश, सेराजुदीन, मोहन आदि हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर चले किंतु यही अफसोस है कि जिम्मेदारों के कानों पर जूं तक रेंगी और मासूम खुशी की जान चली गई। 

बर्खास्त अधिकारी ने दी सफाई 
इस संबंध में बर्खास्त अधिकारी जकी अहमद ने बताया कि 15 की सुबह 7 बजे पूर्व प्रधान सलामुददीन ने सुबोध को फोन पर तीन बच्चों के बारे में सूचित किया था। विभागीय ग्रुप पर मैंने तत्काल इसकी जानकारी शेयर की। सुबोध को वीडियो काल पर जानकारी देते हुए जल्द पहुंचने को कहा गया जिस पर सुबोध अभी जाता हूं, अभी जाता हूं, कहा गया। सुबोध का घर बगहा से 7-8 किमी ही है।

उस दिन मैं अवकाश पर था और मेरे घर से नौतनवा की दूरी 90 किमी थी। जब 15 की शाम तक सुबोध नहीं पहुंचे तो 16 की सुबह मैं खुद अपने निजी वाहन से नौतनवा के लिए सुबह नौ बजे जिला प्राबेशन अधिकारी को सूचित कर दो महिला सहयोगी गुड्डी शर्मा व लक्ष्मी रावत को लेकर निकल गया। चूंकि बारावफात का जुलूस था इस कारण जाम का भी सामना करना पड़ा। सुबह साढ़े 11 बजे वहां पहुंचा लेकिन बच्ची ने 10 बजे ही दम तोड़ दिया था। शव को लेकर सारी रस्म अदायगी मेरे द्वारा कराई गई। 

सुबोध का नहीं उठा फोन
इस संबंध में जब संवाददाता ने सुबोध के मोबाइल नंबर 9005878750 पर संपर्क कर उनका पक्ष लेना चाहा तो उनका फोन न तो रिसीव हुआ और न ही कोई काल बैक आई। जैसा कि पूर्व प्रधान ने पत्र में उल्लेख किया है कि तीन बार लगातार फोन करने के बाद सुबोध ने फोन उठाया था। कुछ ऐसा ही संवाददाता के साथ भी हुआ। 

Exit mobile version