महराजगंज: प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी से मौत के करीब पहुंचा बलिया नाला

कई ऐतिहासिक महत्व को समेटे जिला मुख्यालय का बलिया नाला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। डाइनामाइट न्यूज की इस स्पेशल रिपोर्ट में पढ़ें मौत के मुंह में समाते इस नाले की दर्द भरी दास्तान..

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 27 October 2018, 5:38 PM IST

महराजगंज: नगर को दो भागों में बाँट कर जल निकासी की समुचित व्यवस्था देने वाला बलिया नाला अपनी दुर्दशा पर आसूं बहा रहे है लेकिन अफसोसजनक बात यह है कि विकास का भाषण देने वाले भी अपनी आंखें मूंदे हुए है। नगर का सारा कूड़ा कचरा व गन्दा जल इसी नाले में आकर गिरता है। लेकिन नाले की सफ़ाई नही होने के कारण यह नाला कई जगहों पर जाम हो गया है। बदबू के कारण नाले के आसपास रहने वाले और इसके पास से गुजरने वाले लोगों को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।

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यदि नाले की सफ़ाई करके इसके दोनों किनारे बाँध बना दिए जाएं और उन पर वृक्षारोपण हो जाये तो नगर को जलजमाव व बाढ़ से भी बचाया जा सकता है। लेकिन कोई बिरला ही होगा जो इस दिशा में सोचेगा।

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छठ घाट पर कूड़े का अंबार

इस नाले के कई ऐतिहासिक महत्व भी है। सूर्यषष्ठी के दिन पुत्र प्राप्ति व दीर्घायु होने की कामना के लिये महिलाएं बलिया नाले के किनारे बने छठ घाट पर पिंडी की पूजा करती है और नाले के जल में अर्ध्य देती हैं। इसके बावजूद भी नाले की सफाई न होना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।
 

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  • 27 October 2018, 5:38 PM IST