महराजगंज: जहरुद्दीन हत्याकांड में आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से ग्रामीणों में आक्रोश, देखिये पुलिस पर कैसे उतारा गुस्सा

डीएन संवाददाता

भारत-नेपाल सीमा पर स्थित सोनौली क्षेत्र में चाकूबाजी के दौरान जहरुद्दीन हत्याकांड में आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। बयान लेने गांव पहुंची पुलिस पर गुस्साये लोगों ने आज अपना गुस्सा उतारा। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट



महराजगंज: भारत नेपाल सीमा के सोनौली क्षेत्र में जहरुद्दीन हत्याकांड में बयान लेने पहुंची पुलिस को आज आक्रोशित लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। चाकूबाजी समेत जहरुद्दीन हत्याकांड के आरोपियो की तीन दिन बाद भी गिरफ्तारी न होने से यहां पीड़ित पक्ष के लोगों में भारी आक्रोश है। नाराज लोगों की पुलिस समेत कोतवाल से तीखी झड़प हुई। लोगों का कहना था कि वे एक बार मामले मं बयान दर्ज करा चिके हैं। पुलिस जब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करती तब तक वे दोबारा बयान नहीं देंगे। 

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जहरुद्दीन हत्याकांड में जुगौली गांव के बिस्मिल नगर के लोग सोनौली कोतवाल पर आरोपियों को सह देने का भी गंभीर आरोप लगा रहे है, जिस कारण आज ग्रामीणों की पुलिस से तीखी झड़प हुई। बता दें कि शुक्रवार रात हुए जमीनी विवाद में चाकूबाजी में घायल जहरुद्दीन की इलाज के दौरान लखनऊ में मौत हो गई थी। जिसके बाद पुलिस ने इस घटना में छह लोगों पर हत्या समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया। लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

सोनौली कोतवाली पर शनिवार को बड़ी संख्या में पहुंचकर लोगों ने सोनौली कोतवाल दिनेश तिवारी पर गंभीर आरोप लगाए। ग्रामीणों का कहना है कि जहरूद्दीन की मौत के बाद ही सोनौली कोतवाल दिनेश कुमार तिवारी की नींद खुली। क्योंकि वे जमीन विवाद के इस मामले में पहले भी पुलिस को शिकायत देते रहे हैं। परिजनों ने कहा कि अगर पुलिस ने पहले से मामले को गंभीरता से लिया होता तो इतनी बड़ी घटना नहीं घटती। हत्या के बाद अब परिजनों की तहरीर पर कोतवाल ने मुकदमा दर्ज किया। यदि पुलिस पहले ही मामले में कार्रवाई करती तो चाकूबाजी और हत्या की घटना नहीं होती।

ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने किरकिरी होते देख अब निजामुद्दीन की तहरीर पर छह लोगों के खिलाफ हत्या सहित कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है। 

जिन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उसमें शमसुल हक, परवेज, फिरोज, खुशीहाल, इरफान, अब्दुल अहद के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया है। लेकिन पुलिस अभी भी आरोपियों को गिरिफ्तार नही कर सकी। मृतक के परिजन कोतवाल पर आरोप लगा रहे हैं कि कोतवाल आरोपियों को बचा रहे हैं और उल्टा पीड़ित पक्ष को ही धमका रहे हैं। बार बार पुलिस वाले पीड़ित के घर पहुंच कर परेशान कर रहे हैं। 










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