DN Exclusive: महराजगंज जिले में सुलभ शौचालयों में संसाधनों की मरम्मत पर हर माह 22 लाख खर्च, फिर भी लटके हैं ताले, पढ़िये चौकाने वाली ये रिपोर्ट

डीएन संवाददाता

महराजगंज जिले में निर्मित 734 सुलभ शौचालय में केवल संसाधनों की मरम्मत के नाम पर हर महीने 22 लाख 20 हजार रूपये पानी की तरह बहाये जा रहे हैं लेकिन इसके बावजूद जनता इनका उपयोग नहीं कर पा रही है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ के ये एक्सक्लूसिव रिपोर्ट:

सिसवा ब्लॉक के गोपाला गाँव का बदहाल सामुदायिक शौचालय
सिसवा ब्लॉक के गोपाला गाँव का बदहाल सामुदायिक शौचालय


महराजगंजः स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अभियान के तहत जिले में 734 सुलभ शौचालयों में लगे संसाधनों की मरम्मत के नाम पर हर महीने 22 लाख 20 हजार रूपये भुगतान किये जा रहे हैं लेकिन इसके बावजूद भी कई सुलभ शौचालयों में ताले लटके हुए हैं। इन सुलभ शौचालयों में जरूरी संसाधन भी उपलब्ध नहीं है, जिस कारण जनता खुले में शौच को मजबूर है।

प्रति शौचालय के संसाधन पर तीन हजार खर्चा

डाइनामाइट न्यूज़ को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक एडीओ पंचायतों की रिपोर्ट के अनुसार जिले में 882 ग्राम पंचायतों में सुलभ शौचालयों का निर्माण हुआ है। लेकिन इनमें से 734 सुलभ शौचालयों को समूह की महिलाओं के हैंडओवर कर दिया गया है। एक सुलभ शौचालय में लगे सीट, स्नान घर, टोटी, पानी की टंकी, मोटर, प्लास्टिक पाइप की सिर्फ मरम्मत के नाम पर ही तीन हजार रूपये का भुगतान होता है। 

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अधिकांश सुलभ शौचालयों में लटके ताले 

डाइनामाइट न्यूज की खोजी टीम ने आज इस बाबत सिसवा ब्लॉक के गोपाला गांव में सुलभ शौचालय की पड़ताल की। इस दौरान सुलभ शौचालय में गंदगी का अंबार नजर आया। टूटी हुई टोटी और पाइप भी बिखरा हुआ मिला।

डाइनामाइट न्यूज को ग्रामीणों ने बताया कि सुलभ शौचालय तो बन गया है। लेकिन अभी तक इसमें पानी की सप्लाई न होने के कारण शौचालय का प्रयोग किया जा रहा है। 
 
हर महीने लाखों रूपये का गड़बड़झाला 

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जिले में स्थापित 734 सुलभ शौचालयों में लगे संसाधनों की मरम्मत के पर हर महीने करीब 22 लाख 20 हजार रूपये जिला पंचायत राज विभाग द्वारा भुगतान किया है। लेकिन इन रूपयों का कोई हिसाब किताब नहीं है।

डाइनामाइट न्यूज को एडीपीआरओ ने बताया कि इन मुद्दों और शिकायतों की मानिटरिंग के लिए एक टीम का गठन हुआ है। इसकी जांच की जाएगी










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