योगी का फर्जी अफसर बनकर करोड़ों की ठगी

यूपी एसटीएफ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के का प्रोटोकाल अधिकारी एवं सचिव निवेश बनकर ट्रांसफर-पोस्टिंग कराने और ठेके दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 15 October 2023, 5:22 PM IST
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लखनऊ: यूपी एसटीएफ ने दो ऐसे शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है, जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फर्जी प्रोटोकाल अफसर बनकर कई तरह के गोरखधंधे कर रहे थे। गिरफ्तार ठग सीएम के प्रोटोकाल अधिकारी के साथ ही खुद को सचिव निवेश, यूपी सरकार बताकर विभिन्न विभागों में ट्रांसफर-पोस्टिंग कराने और ठेके दिलाने के नाम पर ठगी करते थे। ये अभियुक्त अब तक करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके हैं।

ठगों की पहचान

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार इन ठगों की पहचान रामशंकर गुप्ता उर्फ आशीष गुप्ता और उसके साथी अरविन्द त्रिपाठी उर्फ गुरूजी के रूप में की गई।

गिरफ्तारी का स्थान

मुख्य अभियुक्त रामशंकर गुप्ता उर्फ आशीष गुप्ता को अलीगंज लखनऊ और अरविन्द त्रिपाठी उर्फ गुरूजी को अशोक विहार, नई दिल्ली का रहने वाला है। दोनों को बांसमण्डी रोड, थाना क्षेत्र विभूतिखण्ड, लखनऊ से गिरफ्तार किया गया।

ट्रान्सफर पोस्टिंग के प्रार्थना पत्र समेत कई दस्तावेज बरामद

गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से 5 मोबाइल फोन, मुख्यमंत्री के प्रोटोकाल अधिकारी, वाइस चान्सलर सुकरात विवि, दिल्ली एवं उच्च न्यायालय दिल्ली बार एसोसिएशन समेत विभिन्न तरह के 14 आई कार्ड, 6 एटीएम कार्ड, 2 पैन कार्ड, 4 खाता पासबुक, कई तरह के कॉल लेटर, प्रमाण पत्र, भारी मात्रा में विभिन्न विभागों में ट्रान्सफर पोस्टिंग के प्रार्थना पत्र समेत कई दस्तावेज बरामद किये गये। 

यूपी एसटीएफ को मिल रही थे ये सूचनाएं

एसटीएफ को काफी समय से ये सूचना मिल रही थी कुछ लोग खुद को मुख्यमंत्री का सुरक्षा अधिकारी एवं विषेष सचिव निवेश, यूपी सरकार बताकर विभिन्न विभाग में फर्जी टेण्डर/ठेका दिलाने एवं ट्रासंफर/पोस्टिंग कराने तथा शासन द्वारा मनोनीत विभिन्न बोर्डों के चेयरमैन/मंत्री का दर्जा दिलाने के नाम पर अवैध रुप से फर्जीवाड़ा कर ठगी की जा रही है। इस सम्बन्ध में एसटीएफ द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी। 

समाज कल्याण कार्यालय में मौजूदगी

अभिसूचना संकलन के दौरान एसटीएफ को शनिवार को ज्ञात हुआ कि रामशंकर नाम का व्यक्ति जो अपना नाम बदलकर आशीष गुप्ता रखा है, वह राजनीतिक महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति, टेण्डर, ट्रान्सफर पोस्टिंग व सरकारी नौकरी दिलाने आदि के नाम पर ठगी करता है और वह समाज कल्याण कार्यालय के पास अपने साथी अरविन्द त्रिपाठी के साथ किसी व्यक्ति से मिलने के लिए आने वाला है। 

इस सूचना पर एसटीएफ की टीम बताये गये स्थान पर पहॅुची और आवश्यक बल प्रयोग करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

फर्जीवाडा करने के लिये बदला नाम

गिरफ्तार अभियुक्त रामशंकर गुप्ता उर्फ आषीष गुप्ता ने पूछताछ में बताया कि वह किसी भी सरकारी विभाग में कार्यरत नहीं है। वह सुकरात विश्वविद्यालय दिल्ली का वीसी भी नही है। उसने अपने नाम के 02 अलग-अलग आधार कार्ड बनवा रखे हैं। उसका वास्तविक नाम रामशंकर गुप्ता है, फर्जीवाडा करने के लिये उसने अपना नाम आशीष गुप्ता रख लिया है। 

कार पर उत्तर प्रदेश सरकार

आम जनता से वह अपना नाम डा0 आशीष गुप्ता एवं अपना परिचय बतौर आईएएस अधिकारी, विषेष सचिव, निवेष, यूपी शासन/मुख्यमंत्री का सुऱक्षा अधिकारी एवं सुकरात विश्वविद्यालय दिल्ली का वाइस चांसलर बताता है। इस नाम से आम जनता को अपनी तरफ आकर्षित करता है एवं नौकरी दिलाने के जाल में फसाये हुए नवयुवको में से किसी युवक को पीआरडी की वर्दी पहनाकर अपनी गाड़ी में आगे बैठाकर चलता है। वह अपनी कार पर उत्तर प्रदेश सरकार लिखवाया हुआ है। ताकि लोगों को यह विश्वास हो जाय की वह वास्तविक अधिकारी है। 

अब तक करोड़ों रूपये की ठगी

अभियुक्त ने बताया कि वह बड़ी-बड़ी कम्पनियों के मालिको एवं ठेकेदारों को विभिन्न विभागो में टेण्डर (ठेका) दिलाने तथा प्रशासनिक,पुलिस अधिकारियो के ट्रांसफर/पोस्टिंग कराने के नाम पर उनसे अवैध धन अर्जित करता है। यह ज्यादातर पैसा नगद के रुप मे एवं अपने कूटरचित आशीष गुप्ता के नाम से खोले गये बैंक खाते में मंगाता है। वह अब तक करोड़ों रूपये की ठगी कर चुका है। 

राजनेताओ एवं अधिकारियो से सम्पर्क 

इस काम में इसके साथ दिल्ली निवासी अरविन्द त्रिपाठी उर्फ योग गुरुजी एवं इनके अन्य साथी भी सम्मिलित रहते है। अरविन्द त्रिपाठी योग गुरु है जो बडे़-बडे़ राजनेताओ एवं अधिकारियो से सम्पर्क रखता है तथा आध्यात्म से सम्बन्धित योग शिविर कराता है। 

गिरफ्तार अभियुक्तों के विरूद्ध थाना विभूतिखण्ड, लखनऊ में मामला दर्ज किया गया है। दोनों अभियुक्तों के खिलाफ आग की विधिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।

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