वादे के मुताबिक यूपी में अभी तक नहीं भर पाए सड़कों के गड्ढे

डीएन संवाददाता

योगी सरकार ने सभी सड़कों को 15 जून तक गड्ढामुक्त करने की बात कही थी लेकिन अभी तक शहरों में सड़कों की तस्वीर नहीं बदली।

सड़कों की वर्तमान स्थिति
सड़कों की वर्तमान स्थिति


लखनऊ: यूपी की नई सरकार ने 15 जून तक यूपी की सड़कों को गड़ढामुक्त करने का दावा किया था लेकिन अभी तक सड़कों की स्थिति जस की तस बनी हुई है।

डाइनामाइट न्यूज़ की टीम ने यूपी के अलग-अलग शहरों में जाकर सड़कों का हाल देखा, जहां टीम को पता चला कि सड़कों की स्थिति पहले की ही तरह है। बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सत्ता संभालते ही लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिया था कि 15 जून तक हर हाल में सड़कों को गड्ढ़ामुक्त कर दिया जाए। लेकिन सड़कों की अभी की हालत ये बता रही है कि सीएम योगी का वादा पूरा नहीं हुआ। अभी तक सड़कों की स्थिति जस की तस बनी हुई है। लोक निर्माण विभाग की माने तो सूबे की सभी 1 लाख 21 हजार 816 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत का काम तय समयसीमा में संभव नहीं है।

लखनऊ में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने लोक निर्माण विभाग में प्रेस कान्फ्रेंस कर बताया कि राज्य की कुल 85,160 किमी की टूटी सड़कों में से 82 प्रतिशत सड़कों के मरम्मत का काम पूरा किया जा चुका है और इसमें राज्य की महत्तवपूर्ण सड़के शामिल हैं।

कानपुर में मुख्य सड़कों की ही हुई मरम्मत

कानपुर में मुख्य सड़कों की मरम्मत तो हुई लेकिन शहर की सड़कों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया। सड़कों पर पाइप लाइन डालने के बाद सड़कों पर हुए गड्ढों को भी संज्ञान में नहीं लिया गया। इसके अलावा गुजैनी, नौबस्ता, दमोदरनगर, जूही, बाबू पुरवा, जाजमऊ के साथ-साथ शहर के कई इलाकों की सड़कों की हालत जर्जर और खस्ताहालत बनी हुई हैं।

प्रदेश की राजधानी का भी यही हाल

लखनऊ में सभी अधिकारियों का जमावड़ा होता रहता है। जिन रास्तों से अधिकारियों के काफिले गुजरते हैं उन सड़कों की हालत भी नहीं सुधरी है। डीजीपी आफिस से कुछ दूरी पर बनी सड़कों की हालत भी खराब है लेकिन लोक निर्माण विभाग को ये सड़क भी नजर नहीं आई।

बलरामपुर में नहीं सुधरी सड़कें

बलरामपुर में सड़कों की स्थिति पहले जैसी ही है। अभी तक सड़कों की मरम्मत नहीं हुई है।

तमाम शहरों में सड़कों की स्थिति की जांच करने के बाद ये नतीजा सामने है कि 15 जून तक कुछ प्रतिशत सड़कों की ही मरम्मत हो पाई है। ऐसे में अब देखना ये है कि नई सरकार का ये वादा कब तक पूरा होगा।










संबंधित समाचार