लखनऊ: देवरिया शेल्टर होम केस में बड़ी प्रशासनिक लापरवाही उजागर, नपेंगे कई बड़े अफसर

डीएन ब्यूरो

यूपी के देवरिया जिले के बालिका गृह में सामने आई यौन शोषण की घटना में प्रशासन की सबसे बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। इस मामले में कई अफसरों पर गाज गिरने वाली है। इस मामले में बहादुर लड़की ने जो चौंकाने वाले खुलासे किये, उसने सभी को हैरत में डाला दिया है। पूरी खबर..

मामले पर बात करती यूपी की मंत्री रीता बहुगुणा जोशी
मामले पर बात करती यूपी की मंत्री रीता बहुगुणा जोशी


लखनऊ: देवरिया बालिका गृह में रहने वाली लड़कियों और बच्चों के साथ होने वाली घिनौनी हरकत में प्रशासन की सबसे बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। हलांकि सीएम योगी ने देवरिया शेल्टर होम मामले में तुरंत कार्यवाही करते वहां के डीएम सुजीत कुमार को हटा दिया है। समझा जाता है कि इस मामले में अभी कई अन्य अफसर भी नपेंगे। सरकार ने जांच का काम तेज कर दिया है। जांच के लिये दो लोगों के प्रतिनिधिमंडल को वहां हेलीकॉप्टर से भेजा गया है, जिसमे अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार और एडीजी अंजू गुप्ता शामिल हैं।

 

 

मामले की जांच के लिये देवरिया गये प्रतिनिधिमंडल को 12 घंटे के भीतर अपनी रिपोर्ट शासन को भेजनी है। वहीं सीएम ने सभी जिले के जिलाधिकारियों को भी अपने-अपने जिले के महिला और बाल सुधार गृहों की स्थिति की रिपोर्ट भेजनी है।

मुजफ्फरपुर कांड के बाद सभी डीएम को दिये गये थे निर्देश

बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम का केस सामने आने के बाद सीएम ने सभी डीएम को बालिका सुधार गृह के निरीक्षण कर रिपोर्ट भेजने के आदेश दिये थे। मगर देवरिया डीएम के मामले  लापरवाही बरतने पर सीएम ने उन पर गाज गिराई है। 

 

 

12 घंटे में सरकार को सौंपी जायेगी रिपोर्ट

महिला एंव बाल कल्याण मंत्री रीता जोशी ने बताया की मौके पर प्रतिनिधिमंडल भेजा गया है। 12 घंटे में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौपेंगा। इसके बाद जिन अधिकारियों की लापरवाही सामने आयेगी। उन पर सरकार कड़ी कारवाई करेगी। उन्होंने बताया कि 30 जुलाई को विभाग की ओर से रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराया गया है।

रात को गाड़ियों से जाती थी लड़कियां, लौटती थी सुबह

शेल्टर होम में रहने वाली लड़की ने बड़ा खुलासा किया है। बहादुर लड़की ने कहा कि शेल्टर होम से महिलाओं और लड़कियों को बड़ी मैम ले जाती थीं। कभी सफेद रंग की गाड़ी तो कभी लाल रंग की गाड़ी से आती थी। कभी-कभी काले रंग की गाड़ी से भी आती थी। इन्हीं गाड़ियों में लड़कियां जाती थीं। शेल्टर होम से लड़कियां शाम के वक्त भेजी जाती थीं जो सुबह वापस आती थीं। 










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