Uttar Pradesh: यूपी में सामने आया वृक्षारोपण घोटाला, फर्जी वाउचर पर लाखों रूपयों के बिलों का भुगतान

उत्तर प्रदेश में अलग-अलग समय पर चलाये गये वृक्षारोपण अभियान में बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। जेसीबी मशीनों के नाम पर बाइक-स्कूटर्स का इस्तेमाल करके और फर्जी बिल बनाकर लाखों रूपयों का भुगतान किया गया। पढिये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 8 March 2021, 2:25 PM IST
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अलग-अलग अवसरों पर व्यापक पैमाने पर चलाये गये वृक्षारोपण अभियान में बड़ा घोटाला सामने आया है। प्रधान महालेखाकार (कैग) की ऑडिट रिपोर्ट में फर्जी बिल बनाकर अलग-अलग लोगों और एजेंसियों को लाखों रूपये का भुगतान किया गया। वृक्षारोपण में इस्तेमामल होने वाली जिन जेसीबी मशीनों का नंबर और बिल विभाग को दिया गया, वे नंबर बाइक और मोटरसाइकिल के निकले। इस मामले में अब कई जनपदों के डीएफओ समेत यूपी वन विभाग के कई अफसरों पर जल्द कानूनी कार्रवाई की गाज गिर सकती है।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक कैग के खुलासे के अनुसार साल 2017, 2018 और 2019 में यूपी में हुए वृक्षारोपण अभियान के लिये मिट्टी, गड्ढा खुदाई, खाद-गौबर ढुलाई और अन्य संबंधित कार्यों में जिन जेसीबी मशीनों और संबंधित नंबरों के बिलों का भुगतान किया गया, वे दरअसल बाइक और स्कूटरों के नंबर थे। मतलब गड्ढे खोदने और संबंधित कामों में जेसीबी नहीं बाइख और स्कूटर का इस्तेमाल किया गया। जेसीबी मशीनों के नाम पर भारी भरकम बिल बनाये गये और सरकार से उनका भुगतान ले लिया गया। जांच में अब तक इस तरह के 650 से अधिक फर्जी वाउचर पकड़ में आ चुके हैं, जिनके ऐवज में विभागों द्वारा लाखों का भुगतान किया गया।

यूपी के जिन क्षेत्रों से यह फर्जीवाड़ा सामने आया है, उसमें यूपी वन विभाग के डेढ़ दर्जन डीएफओ फंसते नजर आ रहे हैं। इस फर्जीवाड़े के लिये वन विभाग के प्रभाग अधिकारियों को जिम्मेदार माना जा रहा है। इसमें ललितपुर, हमीरपुर, लखनऊ, बलिया, झांसी समेत अन्य कुछ जिलों के डीएफओ शामिल हैं। ये डीएफओ लंबे समय से इन क्षेत्रों में तैनात हैं या फर्जीवाड़े के समय वहां इनकी तैनाती थी।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक सरकार ने मामले के जांच के आदेश दे दिये  हैं। दोषी पाये जाने वाले जिम्मेदार विभागों के अफसरों पर बड़ी कार्रवाई देखने को मिल सकती है। 

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