यूपी निकाय चुनाव: समाजवादी पार्टी ने जारी सूची में कम आरक्षण देने के खिलाफ दाखिल की आपत्तियां, जानिये पूरा अपडेट

समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग को अनुमन्य आरक्षण से कम आरक्षित सीटें देने को लेकर अपनी आपत्तियां दाखिल की है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Updated : 6 April 2023, 6:29 PM IST
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लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग को अनुमन्य आरक्षण से कम आरक्षित सीटें देने का मामला उठाया है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर पार्टी ने गुरूवार को आरक्षण के इस मामले को लेकर निदेशक स्थानीय निकाय निदेशालय उत्तर प्रदेश लखनऊ में अपनी आपत्तियां दाखिल की और आरक्षण सूची में तत्काल संशोधन की मांग की।

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल के नेतृत्व में पार्टी डेलिगेश ने इस बाबत निदेश को अपनी लिखित आपत्तियां सौंपी। सपा ने कहा कि 30 मार्च 2023 को जारी आरक्षण सूची में कई खामियां हैं। सपा ने नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के चुनाव में कम सीटें आरक्षित करने का विवरण भी स्थानीय निकाय निदेशक को दिया है और नियमानुसार इसमें संशोधन की मांग की है।

सपा का कहना है कि नगर पंचायत अध्यक्ष पद की कुल 544 सीटों में जिला बलरामपुर, कानपुर नगर, ललितपुर में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं की गयी है। इसी तरह अमेठी, अमरोहा, बलरामपुर, बिजनौर, चन्दौली, गाजियाबाद, कन्नौज, कानपुर नगर, ललितपुर, महोबा, मिर्जापुर, रामपुर, श्रावस्ती, वाराणसी जिले में अनुसूचित जाति के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं की गयी है। जिला बलरामपुर, चित्रकूट, इटावा, हापुड, कानपुर नगर, ललितपुर में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं की गयी है।

सपा ने अपने पत्र में कहा कि नगर पंचायत अध्यक्ष पद के कुल 544 पदों के सापेक्ष अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए लेकिन कई जिलों में कम आरक्षण मिला।

नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के कुल पद 199 में अनुसूचित जनजाति को एक भी सीट आरक्षित नहीं की गयी। नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद में बस्ती एवं देवीपाटन मण्डल में अनुसूचित जाति के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं की गयी है। नगर पालिका परिषद अध्यक्ष के कुल पद 199 पदों के सापेक्ष अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए लेकिन कई जिलों में कम आरक्षण मिला। 

सपा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में नगर निगम के महापौर पद के लिए कुल 17 पदों के सापेक्ष अनुसूचित जाति के लिए 21 फीसदी अनुमन्य आरक्षण के अनुसार 3.57 सीटें आरक्षित होनी चाहिए जबकि घोषित आरक्षण में केवल 02 अनुसूचित  जाति के लिए आरक्षित की  गयी है। अनुमन्य आरक्षण के अनुपात में 1.57 सीटें कम आरक्षित की गयी है। अनुसूचित जाति को 11 फीसदी की आरक्षण दिया गया है। इसमें अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी अनुमन्य आरक्षण के अनुसार 4.59 सीटें आरक्षित होनी चाहिए जबकि घोषित आरक्षण में केवल 4 सीटें हैं। अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित की गयी है। अनुमन्य आरक्षण के अनुपात में 0.59 सीटे कम आरक्षित की गयी है। अन्य पिछड़ा वर्ग को 23 फीसदी ही आरक्षण दिया गया है।

सपा ने इसी तरह नगर पंचायत अध्यक्षों, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष समेत निकाय चुनाव के सभी पदों पर जनपदवार आरक्षण नियमावली के विपरीत कम आरक्षण देने का आरोप लगाया है। पार्टी ने निदेशालय से इसमें शीघ्र संशोधन की मांग की है। 

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