Independence Day: सीएम योगी बोले- UP स्वाधीनता संग्राम की निर्णायक लड़ाई का एक केंद्र बिंदु बना, जानिये संबोधन की खास बातें

डीएन ब्यूरो

देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में विधान भवन प्रांगण में तिरंगा झंडा फहराया। डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट में जानिये इस मौके पर क्या बोले सीएम योगी

स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते सीएम योगी
स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते सीएम योगी


लखनऊ: देश भर में आज 75वें स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ बड़े धूमधाम से मनायी जा रही है। स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ को सरकार आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मना रही है। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में विधान भवन प्रांगण में तिरंगा झंडा फहराया और देश वासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। इस मौके पर सीएम योगी ने स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के स्वाधीनता संग्राम की निर्णायक लड़ाई का उत्तर प्रदेश के केंद्र बिंदु बना। 

 डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट में जानिये इस मौके पर क्या बोले सीएम योगी। पढ़िये सीएम योगी के संबोधन की खास बातें 

1) देश के 75वें स्वाधीनता दिवस के अवसर पर समस्त प्रदेशवासियों को हृदय से बधाई। यह हम सभी का सौभाग्य है कि देश की स्वाधीनता के 'अमृत महोत्सव' वर्ष का साक्षी बनने का अवसर प्राप्त हो रहा है।

2) स्वाधीनता के अमृत महोत्सव वर्ष में प्रवेश के साथ ही हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी नेतृत्व में 'नए भारत, श्रेष्ठ भारत' की परिकल्पना को साकार होते हुए देख रहे हैं। मैं सभी अमर सेनानियों को कोटि-कोटि नमन करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। 

3) देश की बाह्य व आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ बनाए रखने व भारत के नागरिकों को एक सुरक्षित माहौल प्रदान करने हेतु अपने प्राणों की आहुति देने वाले देश के वीर जवानों को मैं विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

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4) प्रदेश के 09 पुलिस अधिकारी व कर्मियों को 'पुलिस मेडल फॉर गैलेंट्री' प्राप्त हुआ है। प्रेसिडेंट पुलिस मेडल से 04 पुलिस अधिकारी व कर्मी सम्मानित हुए हैं। पुलिस पदक के लिए 73 अधिकारी व कर्मी चयनित हुए हैं। मैं इन सभी को हृदय से बधाई देता हूं। 

5) पराधीनता के खिलाफ एक लंबी लड़ाई व अनगिनत बलिदानों के कारण 1947 में देश स्वतंत्र हुआ। देश के अंदर अलग-अलग स्थानों पर बने स्वाधीनता आंदोलन से जुड़े शहीद स्मारक स्वाधीनता की कीमत के जीवंत गवाह हैं।

6) कहीं झांसी में रानी लक्ष्मीबाई जी का नेतृत्व तो कहीं बलिया में मंगल पांडेय जी का नेतृत्व। देश के अलग-अलग हिस्सों में स्वाधीनता की सामूहिक लड़ाई का प्रतिफल है कि विदेशी हुकूमत को भारत छोड़ना पड़ा।

7) वर्ष 1916 में लखनऊ में ही लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जी ने 'स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, हम इसे लेकर ही रहेंगे' का उद्घोष किया था। यह उद्घोष देश के स्वाधीनता आंदोलन का एक मंत्र बन गया था।

8) नेताजी सुभाषचंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल, वीर सावरकर, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे स्वाधीनता संग्राम के अमर सेनानियों ने देश की इस लड़ाई को एक नई ऊंचाई प्रदान की।उत्तर प्रदेश इस निर्णायक लड़ाई का एक केंद्र बिंदु बना।

9) स्वाधीनता के अमृत महोत्सव वर्ष में प्रवेश करने के साथ ही यह वर्ष चौरी चौरा की ऐतिहासिक घटना का शताब्दी वर्ष भी है। वर्ष 1922 में गोरखपुर के चौरी चौरा के नागरिकों ने विदेशी हुकूमत के खिलाफ एक निर्णायक लड़ाई को आगे बढ़ाया था। 

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10) बलिया ने तो 1942 में ही स्वयं को स्वाधीन घोषित कर दिया था। काकोरी की घटना कभी विस्मृत नहीं हो सकती।लखनऊ से क्रांतिकारियों ने विदेशी हुकूमत के खिलाफ क्रांति का जो बिगुल बजाया था, उसकी परिणीति 15 अगस्त 1947 के रूप में देखने को मिली।

11) हमारे पूर्वजों ने 75 वर्ष पूर्व 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की परिकल्पना को साकार करने हेतु अपनी आहुति दी थी। आज प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भी 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत, समृद्ध भारत' की परिकल्पना को साकार करने में हम अपना योगदान दे रहे हैं।

12) देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले महान क्रांतिकारियों के सपनों को साकार करने हेतु हम सब पूरी ईमानदारी के साथ कार्य कर सकें, इस विश्वास के साथ मैं 'अमृत महोत्सव' वर्ष पर सबका अभिनंदन करते हुए आपको बधाई व शुभकामनाएं देता हूं। 










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