अनुसूचित जाति-जनजाति महापंचायत के नेता केंद्र और राज्य सरकार से सख्त नाराज, जानिये वजह

डीएन ब्यूरो

अनुसूचित जाति-जनजाति महापंचायत में नेताओं ने रविवार को विभिन्न उच्च पदों पर नियुक्तियों में आरक्षण, 2018 में भारत बंद तथा 2020 में काकरी डूंगरी मामले में दर्ज पुलिस मुकदमे वापस लेने समेत विभिन्न लंबित मांगों का समाधान नहीं करने पर केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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जयपुर: अनुसूचित जाति-जनजाति महापंचायत में नेताओं ने रविवार को विभिन्न उच्च पदों पर नियुक्तियों में आरक्षण, 2018 में भारत बंद तथा 2020 में काकरी डूंगरी मामले में दर्ज पुलिस मुकदमे वापस लेने समेत विभिन्न लंबित मांगों का समाधान नहीं करने पर केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की है।

जयपुर में आयोजित अनुसूचित जाति-जनजाति महापंचायत को संबोधित करते हुए संयोजक बी एल आर्य ने कहा, ‘‘हमारी बढ़ती हुई जनसंख्या के आधार पर आरक्षण में वृद्धि नहीं हो रही है। हमारी जनसंख्या अनुसूचित जाति (एससी) की 18 प्रतिशत है, और अनुसूचित जनजाति (एसटी) की 14 प्रतिशत है और उसके आधार पर वृद्धि नहीं हो रही है।’’

पूर्व प्रशासनिक अधिकारी आर्य ने नौकरशाही पर निशाना साधते हुए कहा कि नौकरशाही आरक्षण के मामले में आपत्ति लगा कर उसे लागू होने नहीं देती।

उन्होंने कहा कि हमारे तथाकथित नेता सरकार में होते हुए हमारी मांग को पुरजोर तरीके से नहीं उठाते हैं।

उन्होंने कहा कि एक महापंचायत के जरिये अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अपने अधिकारों की लडाई लडेंगे।

उन्होंने कहा कि हमारे नेता बहुत बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन विधानसभा और संसद में जाकर इनके मुंह बंद हो जाते है। उन्होंने कहा कि ‘‘आप (नेता) अगर नहीं बोल सकते तो आपको त्यागपत्र देना चाहिए।’’










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