नितिन देसाई आत्महत्या मामले में जानिये ये नया अपडेट, पुलिस के समक्ष पेश हुए ये लोग

डीएन ब्यूरो

मशहूर कला निर्देशक नितिन देसाई की कथित आत्महत्या की जांच के सिलसिले में मंगलवार को ईसीएल फाइनेंस और एडलवाइस समूह के तीन प्रतिनिधि महाराष्ट्र की रायगढ़ पुलिस के समक्ष पेश हुए। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

नितिन देसाई मौत मामला
नितिन देसाई मौत मामला


मुंबई: मशहूर कला निर्देशक नितिन देसाई की कथित आत्महत्या की जांच के सिलसिले में मंगलवार को ईसीएल फाइनेंस और एडलवाइस समूह के तीन प्रतिनिधि महाराष्ट्र की रायगढ़ पुलिस के समक्ष पेश हुए।

‘लगान’ और ‘जोधा अकबर’ जैसी फिल्मों और टीवी कार्यक्रम ‘कौन बनेगा करोड़पति’ का भव्य सेट तैयार करने वाले कला निर्देशक नितिन देसाई (57) बुधवार को रायगढ़ जिले के कर्जत में अपने स्टूडियो में फंदे से लटके पाये गये थे।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पुलिस ने चार अगस्त को देसाई को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में एडलवाइस समूह के अध्यक्ष राशेष शाह समेत पांच लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था।

इसके बाद रायगढ़ पुलिस ने पांच अगस्त को ईसीएल फाइनेंस कंपनी/एडलवाइस समूह के प्रबंध निदेशक (एमडी) को नोटिस जारी कर मंगलवार को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा था।

अधिकारी ने बताया कि कंपनी के तीन प्रतिनिधि सुबह करीब 11 बजे खालापुर पुलिस थाने में पेश हुए और उनके बयान दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है।

रायगढ़ पुलिस ने मामले से जुड़े दस्तावेज और जानकारी मांगी है।

पुलिस ने पहले कहा था कि मामले के जांच अधिकारी (आईओ), देसाई द्वारा स्थापित एनडी स्टूडियो के सलाहकार, वित्तीय सलाहकार और लेखाकार से भी इस मामले में जानकारी जुटा रहे हैं।

देसाई की कंपनी ‘एनडीज आर्ट वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड’ कर्जदाताओं से लिये गए 252 करोड़ रुपये के ऋण का भुगतान नहीं कर सकी थी। इसके बाद राष्ट्रीय कंपनी कानून अधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई शाखा ने कंपनी के खिलाफ ऋणशोधन कार्यवाही शुरू की थी।

एक अधिकारी ने बताया था कि नितिन देसाई की पत्नी नेहा देसाई की शिकायत के आधार पर खालापुर पुलिस थाने में चार अगस्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और धारा 34 (सामान्य इरादा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

इसमें एडलवाइस के अध्यक्ष राशेष शाह समेत पांच लोगों के नाम शामिल हैं।

एडलवाइस ने एक बयान में इस बात से इनकार किया था कि ऋण वसूली के लिए देसाई पर कोई अनुचित दबाव डाला गया था।










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