भारत और लातिन अमेरिका के बीच व्यापारि संबंधों को लेकर जानिये ये बड़ा खुलासा

डीएन ब्यूरो

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और लातिन अमेरिका के बीच व्यापार 50 अरब डॉलर तक पहुंचने वाला है और भारत इसे और बढ़ाना चाहता है। उन्होंने बताया कि भारत की कंपनियां यहां ऊर्जा, खनन, कृषि और वाहन जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश कर रही हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

विदेश मंत्री एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर


बोगोटा: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और लातिन अमेरिका के बीच व्यापार 50 अरब डॉलर तक पहुंचने वाला है और भारत इसे और बढ़ाना चाहता है। उन्होंने बताया कि भारत की कंपनियां यहां ऊर्जा, खनन, कृषि और वाहन जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश कर रही हैं।

कोलंबिया की राजधानी में भारत-कोलंबिया बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि लातिन अमेरिका के चार दिवसीय देशों की यात्रा का उद्देश्य इस क्षेत्र के साथ भारत के सहयोग को और बढ़ाने के तरीके खोजना है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जयशंकर ने कहा, ‘‘आज यहां आने का हमारा उद्देश्य लातिन अमेरिका में भारत की बढ़ती मौजूदगी को रेखांकित करना है। हमारे बीच व्यापार 50 अरब डॉलर प्रतिवर्ष के स्तर तक पहुंचने जा रहा है। हमारी कंपनियां इस क्षेत्र में ऊर्जा से लेकर खनन और कृषि से लेकर वाहन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश कर रही हैं।’’

उन्होंने कहा कि जहां तक व्यापार की बात है तो हम निश्चित ही इसे बढ़ाना चाहते हैं लेकिन हमें यह निर्णय लेना है कि निवेश कब, कहां और कितना करना है।श्

भारत और कोलंबिया के ऐसे क्षेत्र जिनमें मिलकर काम किया जा सकता है, उनके बारे में बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत में भी चिकित्सा एवं सेहत बनाने के परंपरागत तौर-तरीके चलन में हैं जिनका व्यावसायिक उपयोग हो सकता है।

विदेश मंत्री ने कोलंबिया के निवेशकों से कहा, ‘‘भारत में डिजिटल क्षेत्र में भी अभूतपूर्व प्रगति देखने को मिली है। आज भारत नवोन्मेष और स्टार्टअप का केंद्र बना है। यह 100 यूनिकॉर्न की भूमि है और इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। यदि आपकी दिलचस्पी साइबर सुरक्षा, कृत्रिम मेधा, ड्रोन या अंतरिक्ष संबंधी कार्यों में है तो भारतीय व्यापारियों से संपर्क करना लाभदायक होगा।’’

जयशंकर गुयाना, पनामा, कोलंबिया और डोमिनिकन रिपब्लिक की नौ दिनों की यात्रा पर है। विदेश मंत्री के रूप में लातिन अमेरिकी देशों तथा कैरिबियाई क्षेत्र की उनकी यह पहली यात्रा है।










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