Nun Rape case: नन से अप्राकृतिक यौन संबंध और रेप केस में बिशप फ्रैंको मुलक्कल बरी, केरल कोर्ट ने सुनाया फैसला

डीएन ब्यूरो

जालंधर के कैथोलिक चर्च के पूर्व बिशप फ्रैंको मुलक्कल को केरल नन से अप्राकृतिक यौन संबंध और रेप केस में बरी कर दिया है। पढ़िये पूरी रिपोर्ट

बिशप फ्रैंको मुलक्कल कोर्ट से बरी (फाइल फोटो)
बिशप फ्रैंको मुलक्कल कोर्ट से बरी (फाइल फोटो)


कोच्चि: जालंधर के बहुचर्चित कैथोलिक चर्च के पूर्व बिशप फ्रैंको मुलक्कल (Bishop Franco Mulakkal) को केरल नन से अप्राकृतिक यौन संबंध और बलात्कार केस में केरल की एक कोर्ट ने बरी कर दिया है। कोट्टायम के अतिरिक्त जिला न्यायालय के न्यायाधीश जी. गोपाकुमार ने इस मामले पर अपना फैसला सुनाया।

साल 2018 में कैथोलिक चर्च की जीजस मिशनरी से संबंधित एक वरिष्ठ नन ने जालंधर प्रांत के तत्कालीन बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर बलात्कार का आरोप लगाया था। इसके साथ ही बिशप पर अप्राकृतिक यौन संबंधों का भी आरोप लगाया गया था। नन ने कुराविलंगड पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करायी थी।

पुलिस को दी गई शिकायत में नन ने कहा था कि बिशप बिशप फ्रैंको मुलक्कल कुराविलंगड में मिशन कॉन्वेंट में 2014 से 2016 के बीच उसके साथ करीब 13 बार अप्राकृतिक यौन संबंध बनाये और रेप किया। नन की शिकायत के बाद पुलिस ने तीन दिन तक पूछताछ करने के बाद अंतत: बिशप को गिरफ्तार कर लिया था। करीब एक महीने बाद वह जमानत पर छूटे थे।  

हालांकि तब बिशप ने अपने ऊपर लगाये गये आरोप पूरी तरह से मनगढ़ंत बताते हुए, वरिष्ठ नन के खिलाफ अन्य महिला की शिकायत करने पर, उनके खिलाफ कदम उठाने के एवज में की गई बदले की कार्रवाई बताया था। नन के एक करीबी समूह ने मुलक्कल की गिरफ्तारी की मांग को लेकर केरल उच्च न्यायालय के सामने भूख हड़ताल कर दी।

मुलक्कल ने उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में अपने खिलाफ लगे आरोपों को रद्द करने की अर्जी दी,जिसे खारिज कर दिया गया। अब कोट्टायम के अतिरिक्त जिला न्यायालय के न्यायाधीश जी. गोपाकुमार ने इस मामले में बिशप को आरोपमुक्त करते हुए बरी कर दिया है।










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