Maharajganj: सरकार की योजनाओं को लंबित रखना, उपायुक्त श्रमरोजगार उपेंद्र पाल को पड़ा भारी

जिले में मनरेगा और विकास कार्यो को लागू कराने में लापरवाही बरतने को लेकर मनरेगा (उपायुक्त श्रमरोजगार) उपेंद्र प्रसाद पाल को महंगा पड़ गया। आज इनको प्रदेश मुख्यालय में अटैच कर दिया गया है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी खबर..

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 19 March 2020, 5:17 PM IST

महराजगंजः जिले के प्रमुख संघ के राजनीति के शिकार को आज उपायुक्त को आखिर इसका खामियाजा भुगतना ही पड़ा। करीब दो महीने पहले एमएलसी के साथ जिले के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास और क्षेत्र पंचायत सदस्यों के फाइलों को लटकाना ही इनके जी का जंजाल बन गया है।

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दो महीने पहले की हुई शिकायत आज उत्तर प्रदेश शासन ने संज्ञान में लेते हुए इनको कार्यालय आयुक्त ग्राम विकास उत्तर प्रदेश में मुख्यालय लखनऊ में सम्बद्ध कर दिया गया है।

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कई बार भरी बैठक में जिले के जनप्रतिनिधियों से फाइलों को ही लेकर हो चुकी है इनकी तकरार 
चाहे जिला पंचायत की बैठक हो या किसी भी विकास की लेकिन अक्सर जनप्रतिनिधियों के राडार पर उपायुक्त श्रमरोजगार ही रहते थे। अक्सर फाइलों को लेकर इनसे और जनप्रतिनिधियों से तकराकर होते ही रहते थे।

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  • 19 March 2020, 5:17 PM IST