DN Exclusive: पांच महीने से लावारिस की तरह भटक रहे हैं निलंबित आईएएस अमरनाथ उपाध्याय, अकड़ हुई ढ़ीली
जिले स्तर के छुटभैये नेताओं के उकसावे में आकर राष्ट्रीय स्तर के सम्मानित लोगों का उत्पीड़न करने वाले 2010 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के प्रमोटेड आईएएस अमरनाथ उपाध्याय पर भगवान ने जोरदार लाठी मारी है। पांच महीने से हर दरवाजे पर भटककर अपने बहाली की मिन्नतें अमरनाथ मांग रहे हैं, लेकिन सीएम के डर के मारे किसी की एक नहीं चल रही। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:
लखनऊ: घमंडी अमरनाथ उपाध्याय (Amar Nath Upadhyay) यह सोचकर अपने आप को कोस रहे होंगे कि वह कौन सी मनहूस घड़ी रही होगी, जिसमें उसने महराजगंज के जिलाधिकारी की कमान संभाल ली।
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अक्टूबर महीने में इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निलंबन सरीखी काला-पानी की सजा सुनायी थी, उस वक्त इसके गुर्गों ने खूब अफवाहें उड़ायी.. तो क्या हुआ.. साहब के बड़े राजनीतिक जुगाड़ हैं, दो से चार दिन में बहाल हो जायेंगे.. लेकिन ये क्या? लंबी-लंबी डींगें हांकने वाले अमरनाथ और उनके गुर्गों को अब मानो सांप सूंघ गया है। पांच महीने से कोई ऐसा दर नहीं, जहां इन्होंने माथा न पटका हो लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं।
किसी की हिम्मत नहीं पड़ रही कि वह सीएम के सामने जाकर अमरनाथ की पैरवी कर दे, एक-दो लोगों ने कोशिश की तो उन्हें सीएम के कोप का भाजन बनना पड़ा।
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अंदर की खबर यह भी है कि करीब एक पखवाड़े पहले सीएम ने एक बार फिर अफसरों की वीडियो कांफ्रेसिंग के दौरान इसकी जमकर लानत-मलामत की और सबको चेताया कि भ्रष्टाचार करने वाले अफसरों पर वे इसके जैसी ही सख्त कार्यवाही करेंगे।
पहली बार अमरनाथ को जैसे ही महराजगंज जिले की कमान मिली, वह भ्रष्टाचार में आकंठ डूब गये। सीएम के सबसे प्रिय प्रोजेक्ट गऊ माता के चारा तक को उन्होंने नहीं छोड़ा और उसे भी चुरा लिया। 328 एकड़ बेशकीमती जमीनों को चहेतों के नाम कौड़ियों के मोल बांट डाला। सीएम ने जब गोरखपुर के मंडलायुक्त से जांच करायी तो आरोप सच मिले और फिर खूंखार नतीजा सबके सामने है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के मुताबिक भ्रष्टाचारी अमरनाथ पर देश की कई जांच एजेंसियां एक साथ टूट पड़ी हैं और इसकी सारी कुंडलियां खंगाली जा रही हैं। रिटायरमेंट के बाद भी इन्हें अपनी सफाई में लखनऊ से लेकर दिल्ली तक जांच एजेंसियों के सामने खूब उठक-बैठक लगानी होगी, इसकी मुकम्मल व्यवस्था खुद इनके काले अतीत ने कर दिये हैं।
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भ्रष्टाचारी अमरनाथ के काले-कारनामों के चलते मधवलिया गो-सदन कांड में निलंबित 6 अन्य अधिकारी भी इसे जमकर कोस रहे होंगे कि इसकी करतूतों की सजा उन्हें भी मिल रही है और ये भी आज तक निलंबन की मार झेल रहे हैं।
महराजगंज जिले के दो नेता आखिरकार क्यों नहीं अब इसे बचा पा रहे हैं, क्या इन दोनों को सीएम का खौफ सता रहा है? इन दोनों नेताओं ने अमरनाथ को खूब अपने भ्रमजाल में फंसाकर रखा कि उनके कहे अनुसार सम्मानित लोगों पर हाथ डालो, ये जब तक चाहेंगे डीएम का लखनऊ से लेकर दिल्ली तक कोई बाल-बांका नहीं कर सकता। इन्हीं के उकसावे में आकर इसने जिले में खूब गदर काटा और अब इसे अपने बचाव का कोई रास्ता नहीं मिल रहा। अंदर की खबर ये भी है कि जांच एजेसियों ने अमरनाथ के रास्ते इन दोनों नेताओं के ठेकेदारी के ठिकानों और कारोबारी कारस्तानियों पर भी अपनी पैनी नजर गड़ा दी है।