कांग्रेस ने राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति असंवेदनशील मामले में केंद्र सरकार पर लगाया बड़ा आरोप, जानिए क्या कहा

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस ने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति ‘‘असंवेदनशील रवैया’’ अपनाने और इसे चुनावी लाभ तथा प्रधानमंत्री की ‘‘आत्म-प्रशंसा’’ के चश्मे से देखने का आरोप लगाया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश


नयी दिल्ली: कांग्रेस ने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति ‘‘असंवेदनशील रवैया’’ अपनाने और इसे चुनावी लाभ तथा प्रधानमंत्री की ‘‘आत्म-प्रशंसा’’ के चश्मे से देखने का आरोप लगाया।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे की वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की गई हालिया टिप्पणी मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य में ‘‘गंभीर गिरावट’’ की याद दिलाती है।

रमेश ने एक बयान में कहा, ‘‘जनरल पांडे ने कहा था कि ‘हमारा प्रयास 2020 के मध्य की स्थिति पर लौटने के लिए (चीन के साथ) बातचीत जारी रखने का है’...यह बयान याद दिलाता है कि चीनी घुसपैठ के करीब चार साल बाद भी लद्दाख में भारतीय सैनिकों को 2,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र तक पहुंच से रोके हुए हैं।’’

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार रमेश ने कहा कि सेना प्रमुख की यह टिप्पणी कि ‘‘राजौरी-पुंछ में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ी हैं’’ और ‘‘इस क्षेत्र में सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा है’’, यह याद दिलाता है कि सीमा पार आतंकवाद का खतरा जारी है, भले ही बार-बार झूठे दावे किए गए कि नोटबंदी या जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा खत्म होने से यह खत्म हो जाएगा।

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उन्होंने कहा कि पांच अगस्त, 2019 से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों में 160 से अधिक सैनिक मारे गए हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि ताजा हमला हाल में 12 जनवरी को पुंछ में सैनिकों पर हुआ, सौभाग्य से इस बार कोई हताहत नहीं हुआ।

रमेश ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति मोदी सरकार का संवेदनहीन रवैया है, जिसे वह केवल चुनावी लाभ के चश्मे से देखती है। पूर्व सेना प्रमुख एम एम नरवणे की पुस्तक में हुए खुलासे से भी स्पष्ट है कि अग्निपथ योजना से सेना हैरान हो गई थी और नौसेना और वायु सेना के लिए, यह अचानक आए झटके की तरह था।’’

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘इन सभी उदाहरणों से पता चलता है कि प्रधानमंत्री के लिए, राष्ट्रीय सुरक्षा भी देश की कीमत पर उनकी छवि को चमकाने और आत्म-प्रशंसा का एक साधन बनकर रह गई है।’’

रमेश ने यह भी कहा कि 19 जून, 2020 को ‘कोई घुसपैठ नहीं हुई’ बयान देकर प्रधानमंत्री का चीन को ‘क्लीन चिट’ देना शहीद सैनिकों का अपमान था और 2,000 वर्ग किलोमीटर पर चीनी नियंत्रण जारी रखने में योगदान दिया।

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उन्होंने कहा, ‘‘इस बीच, चीन हमारे पड़ोस में अपनी जगह बना रहा है। सबसे ताजा उदाहरण यह है कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत दौरे से पहले चीन की यात्रा की और चीन हमारे करीबी सहयोगी भूटान के क्षेत्र में लगातार अपनी पैठ बढ़ा रहा है।’’

रमेश ने अपने बयान में आरोप लगाया, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि प्रधानमंत्री का मानना है कि समुद्र तट का दौरा और सोशल मीडिया अभियान भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए वास्तविक कार्रवाई का विकल्प हैं।’’

कांग्रेस चीन के साथ सीमा मुद्दे से निपटने में मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना करती रही है और सरकार पर चीन के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगाती रही है।










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