International Literacy Day 2022: आज है अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस, इन कारणों से पूरी दुनिया में किया जाता है सेलिब्रेट

डीएन ब्यूरो

साक्षरता हर व्यक्ति का अधिकार है साक्षरता ना केवल एक आम व्यक्ति को सम्मान दिलाती है बल्कि उसे आत्मनिर्भर बनाने का काम भी करती है। पढ़िए पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

प्रतीकात्मक छवि
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नई दिल्ली: साक्षरता लोगों को सशक्त और उन्हें समाज में पूरी तरह से भाग लेने में सक्षम बनाने के साथ ही उनकी आजीविका में सुधार करने में भी योगदान देती है। साक्षरता बेहतर जीवन जीने का एक महत्वपूर्ण जरिया हो सकता है। वर्तमान युग में शिक्षा बहुत ज़रूरी है।

साक्षरता बानती है आत्मनिर्भर

साक्षरता हर व्यक्ति का अधिकार है साक्षरता ना केवल एक आम व्यक्ति को सम्मान दिलाती है बल्कि उसे आत्मनिर्भर बनाने का काम भी करती है। 

देश की उन्नति में साक्षरता का बड़ा योगदान

साक्षरता किसी भी देश के विकास के लिए बहुत जरूरी है। देश के जितने ज्यादा नागरिक साक्षर होंगे, देश उतनी ही उन्नति करेंगा। साक्षरता के इसी महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है। 

साक्षरता का तात्पर्य

साक्षरता का तात्पर्य सिर्फ़ पढ़ना-लिखना ही नहीं बल्कि यह सम्मान, अवसर और विकास से जुड़ा विषय है। दुनिया में शिक्षा और ज्ञान बेहतर जीवन जीने के लिए ज़रूरी माध्यम है। आज अनपढ़ता देश की तरक़्क़ी में बहुत बड़ी बाधा है। जिसके अभिशाप से ग़रीब और ग़रीब होता जा रहा है।

ऐसे हुई साक्षरता दिवस शुरूआत

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस  में 15 से 35 वर्ष की आयु के सभी निरक्षर व्यक्तियों को कार्यात्मक साक्षरता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की स्थापना 1966 में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन, या यूनेस्को की घोषणा द्वारा की गई थी। "जनता को गरिमा और मानवाधिकारों के मामले में साक्षरता के महत्व की याद दिलाने के लिए।" शिक्षा के महत्व को लोगों तक पहुंचाने व निरक्षरता को कम करने के उद्देश्य से हर साल 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है। साल 1966 में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस को मनाया गया था।  

हर साल निर्धारित किया जाता है सेलिब्रेशन थीम

हर साल साक्षरता दिवस के अवसर पर एक थीम निर्धारित की जाती है। इस वर्ष साक्षरता दिवस 2022 की थीम "ट्रांसफॉर्मिंग लिटरेसी लर्निंग स्पेस (Transforming Literacy Learning Spaces)" है। ठीक इसी तरह, साल 2021 की थीम “मानव-केंद्रित पुनर्प्राप्ति के लिए साक्षरता: डिजिटल विभाजन को कम करना” विषय पर आधारित थी।
 










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