एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी के जरिये एशियाई खेलों की तैयारी में जुटी भारतीय टीम, जानिये ये खास बातें
खिताब की प्रबल दावेदार और तीन बार की चैम्पियन भारतीय टीम यहां बृहस्पतिवार से शुरू हो रही एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी के जरिये एशियाई खेलों की अपनी तैयारी पुख्ता करने के इरादे से उतरेगी । डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार
चेन्नई: खिताब की प्रबल दावेदार और तीन बार की चैम्पियन भारतीय टीम यहां बृहस्पतिवार से शुरू हो रही एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी के जरिये एशियाई खेलों की अपनी तैयारी पुख्ता करने के इरादे से उतरेगी ।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, विश्व रैंकिंग में चौथे स्थान पर काबिज भारत टूर्नामेंट की सर्वोच्च रैंकिंग वाली टीम है और यहां राधाकृष्णन स्टेडियम पर चीन के खिलाफ अपने अभियान का आगाज करेगी । इस मैदान पर 2007 के बाद पहली बार कोई बड़ा टूर्नामेंट हो रहा है ।
भारत 2011 के बाद पहली बार एसीटी की मेजबानी कर रहा है ।
भारतीय टीम का मकसद अपने खिलाड़ियों को आजमाना और एशियाई प्रतिद्वंद्वियों का आकलन करना होगा । एशियाई खेल चीन के हांगझोउ में 23 सितंबर से आठ अक्टूबर के बीच खेले जायेंगे ।
एशियाई खेलों के जरिये पेरिस ओलंपिक का सीधे टिकट मिलेगा लिहाजा भारतीय टीम एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी को हलके में नहीं लेगी । इसके साथ ही खिलाड़ियों को एशियाई खेलों के लिये तरोताजा और चोटमुक्त भी रखना होगा ।
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एशियाई खेलों से महज पांच सप्ताह पहले एसीटी के आयोजन पर टीमों ने ऐतराज जताया है लेकिन भारत के मुख्य कोच क्रेग फुल्टोन ने कहा ,‘‘आपको मैच अभ्यास चाहिये और इसलिये खेलना जरूरी है । अच्छी बात यह है कि इसका आयोजन भारत में ही हो रहा है ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ हम सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पक्ष देख रहे हैं । हमें अतिरिक्त खिलाड़ियों को भी देखना होगा क्योंकि चोट किसी भी टीम या खिलाड़ी के लिये अच्छी नहीं होती ।’’
भारतीय कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कहा है कि उनकी टीम चतुराई से खेलेगी और एशियाई खेल प्राथमिकता होने के कारण अपनी तरकश के सारे तीर नहीं निकालेगी ।
तोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारतीय टीम इस साल भुवनेश्वर और राउरकेला में हुए विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी । भारतीय टीम विश्व कप में नौवें स्थान पर रही जिसके बाद से उसने 16 मैच खेलकर नौ जीते, पांच गंवाये और दो ड्रॉ खेले ।
भारत चार देशों के यूरोप दौरे से लौटकर इसमें भाग ले रहा है । स्पेन के खिलाफ उसका आखिरी मैच तीन दिन पहले ही हुआ है और यहां विपरीत हालात में उसे एसीटी में चीन के खिलाफ पहला मैच खेलना है ।
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भारतीय टीम को अपने पेनल्टी कॉर्नर पर खास ध्यान देना होगा । हरमनप्रीत, वरूण कुमार, अमित रोहिदास और जुगराज सिंह जैसे ड्रैग फ्लिकरों के होते हुए भारत का पेनल्टी कॉर्नर तब्दीली का औसत बहुत खराब रहा है ।
कोच फुल्टोन ने हालांकि कहा ,‘‘ हमारे पास विश्व स्तरीय पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ हैं । विरोधी टीमों को भी इसका पता है और वे पेनल्टी कॉर्नर गंवाने से बचने पर फोकस करती है । हम पेनल्टी कॉर्नर बनाने और उन्हें भुनाने पर फोकस करेंगे । प्रदर्शन में सुधार की गुंजाइश हमेशा रहती है ।’’
एसीटी में भारत ने 2011, 2016 में खिताब जीता और 2018 में फाइनल बारिश में धुलने के कारण पाकिस्तान के साथ संयुक्त विजेता रही ।
भारत ने 2012 में रजत और 2021 में कांस्य पदक जीता था । दूसरी ओर चीन का यह इस साल का पहला प्रतिस्पर्धी टूर्नामेंट है ।
पहले दिन अन्य मैचों में पाकिस्तान का सामना मलेशिया से और दक्षिण कोरिया का जापान से होगा ।