महराजगंज: खेती-बाड़ी बना आफत का सौदा, नौतनवा के कई किसानों के समक्ष रोटी के संकट
नौतनवा तहसील इस समय जंगली जानवरों का गढ़ बन गया है। जानवरों के आतंक के कारण खेतों में फसल को भारी नुकसान हो रहा है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
अड्डा बाजार/ लक्ष्मीपुर (महराजगंज): नौतनवा तहसील के दर्ज़नों गांवों के किसानों के लिए खेतीबाड़ी करना आफत का सौदा बन गया है। दर्ज़नों गांवों के सैकड़ों किसान जंगली जानवरों के आतंक से परेशान हैं, लेकिन प्रशासन अब तक राहत नहीं दिला पाया है।
इन जगहों पर है आतंक
नौतनवा तहसील के बेलासपुर, पिपरा सोहट, मैरी, हरमंदिर कला, जंगल गुलहरिया समेत कई गांवों के किसानों की मेहनत के फसल को जंगली जानवर चट कर जा रहे हैं।
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डाइनामाइट न्यूज़ को पिपरा सोहट के रहने वाले अब्दुल मुस्तफा, गोकुल, लक्ष्मण, अजीजुल्लाह, लखन आदि किसानों ने बताया कि उनके खेत की फसल को रात में सैकड़ों की संख्या में आने वाले जंगली जानवर हर साल उनकी मेहनत की फसल को नष्ट कर देते है, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
कई एकड़ खेत पड़े हैं सूखे
जानवरों के डर से कई किसान खेती करना छोड़ दिए हैं। उनके खेत बंजर पड़े हुए हैं।
रोजी-रोटी का संकट
किसानों ने डाइनामाइट न्यूज को बताया कि खेती उनका मुख्य पेशा है, जानवर उनकी फ़सलों को नष्ट कर देते हैं जिससे उन्हें हर साल घाटा होता है, ऐसे मे रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाता है।
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हर खेतों मे बाड़बंदी
बेलासपुर, पिपरा सोहट, मैरी आदि गांवों के खेतों मे सिर्फ बाड़ ही बाड़ दिखाई दे रहे हैं, किसान ने नुकसान से बचने के लिए ऐसा किया है लेकिन उन्हें खेतों मे ट्रैक्टर ले जाने मे दिक्कत होती है।
किसानों की मांग
किसानों ने इस समस्या से निजात के लिए जंगल किनारे बाड़बंदी या जंगल के किनारे गड्ढा खोदने की मांग की है।
एसडीएम नौतनवा बोले
मामले मे डाइनामाइट न्यूज संवाददाता ने जब एसडीएम दिनेश मिश्र से इस संबंध में बात किया तो उन्होंने बताया कि डीएफओ से बात करके जल्द ही जंगल किनारे बाड़बंदी कराई जाएगी ताकि जंगली जानवरों से किसानों की फसल को नुकसान न पहुंचे।