कोयले के अवैध खनन को लेकर हाई कोर्ट ने मांगा सीआईएसएफ से जवाब
मेघालय उच्च न्यायालय ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) से पूर्वोत्तर राज्य में कोयले के अवैध खनन और परिवहन रोकने के लिए अपनी तैयारी बताने को कहा है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
शिलांग: मेघालय उच्च न्यायालय ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) से पूर्वोत्तर राज्य में कोयले के अवैध खनन और परिवहन रोकने के लिए अपनी तैयारी बताने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी के नेतृत्व वाली उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ ने यह निर्देश सोमवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। अदालत ने कहा, ‘‘मामला तीन सप्ताह बाद पेश किया जाए ताकि सीआईएसएफ अपनी तैयारी के बारे में बता सके।’’
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डिप्टी सॉलिसिटर जनरल एन मोजिका ने 13 मार्च को अदालत को बताया था कि सीआईएसएफ की 10 कंपनियों की तैनाती के लिए साजोसामान तैयार करने में कम से कम चार हफ्ते का समय लगेगा। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय बल इस आधार पर आगे बढ़ेगा कि उसकी तैनाती कम से कम दो से तीन साल के लिए जरूरी होगी जब तक कि राज्य इस काम को संभालने के वास्ते अपने मानव संसाधन बढ़ा सके।
अदालत के आदेश में कहा गया कि कर्मियों के चयन, उनके लिए अस्थायी आवास की व्यवस्था आदि में कुछ समय लग सकता है, उम्मीद है कि सीआईएसएफ एक पखवाड़े के भीतर इसके बारे में बताएगा कि सोमवार से चार सप्ताह के भीतर जमीन पर तैनाती कैसे सुनिश्चित की जा सकती है।
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मामले में अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी।