जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के खिलाफ धोखाधड़ी मामले में जांच पूरा नहीं करने पर उच्च न्यायालय ने SFIO को लगाई फटकार

डीएन ब्यूरो

बंबई उच्च न्यायालय ने 7,000 करोड़ रुपये के कथित धोखाधड़ी के मामले में जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल और उनकी पत्नी के खिलाफ जांच पूरी नहीं करने के लिए मंगलवार को गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) को फटकार लगाई।

जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल (फ़ाइल)
जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल (फ़ाइल)


मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने 7,000 करोड़ रुपये के कथित धोखाधड़ी के मामले में जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल और उनकी पत्नी के खिलाफ जांच पूरी नहीं करने के लिए मंगलवार को गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) को फटकार लगाई।

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की एक खंडपीठ ने गोयल की पत्नी अनिता को 20 अप्रैल को एक महीने के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जाने के लिए अनुमति देते हुए जांच की धीमी गति पर नाखुशी जाहिर की।

नरेश गोयल को हालांकि इसी संबंध में अदालत से अनुमति नहीं मिली क्योंकि अदालत ने कहा कि समय की कमी के कारण अदालत उनकी याचिका पर विस्तार से सुनवाई नहीं कर सकती है। दंपति ने विदेश यात्रा के लिए अनुमति का अनुरोध करते हुए अदालत का रुख किया था।

एसएफआईओ वाणिज्य मंत्रालय के तहत आता है। एसएफआईओ ने कहा कि वह दंपति की विदेश यात्रा का विरोध करता है लेकिन अगर अनिता गोयल अकेले विदेश जाती हैं तो उसे कोई आपत्ति नहीं है।

केंद्रीय एजेंसी की ओर से पेश हुए वकील हितेन वेनेगांवकर ने अदालत को बताया कि गोयल दंपति के खिलाफ जांच 2019 में शुरू हुई थी जो अब भी जारी है और इसके सितंबर 2023 तक पूरी होने की संभावना है। इस पर उच्च न्यायालय ने तीखी टिप्पणी की।

न्यायमूर्ति डेरे ने कहा, ‘‘आपकी जांच 2019 से जारी है। आपको अपनी जांच को कुछ तार्किक परिणाम तक ले जाना होगा। ऐसी जगह जहां से मामले को बंद किया जाए। आप अंतहीन जांच नहीं कर सकते हैं।’’

वेनेगांवकर ने कहा कि कथित धोखाधड़ी का असर व्यापक है और नरेश गोयल पूरा सहयोग नहीं कर रहे हैं।

इस पर अदालत ने कहा कि एसएफआईओ के पास निश्चित रूप से सक्षम एवं योग्य अधिकारी हैं।

अदालत ने अनिता गोयल को यात्रा की अनुमति देते हुए उनके खिलाफ जारी सभी लुकआउट सर्कुलर को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया।










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