हाथरस हादसा: सत्संग के बाद बचे लोगों ने सुनाई दर्दनाक हादसे की दास्तांन

यूपी के हाथरस में मगंलवार को हुए भीषण हादसे में मरने वालों की संख्या 116 तक पहुंच गयी है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 3 July 2024, 9:19 AM IST
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हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। सत्संग के बाद हुई भगदड़ की घटना से कई लोगों की मौत हो गई। बाबा के दरबार में लाशों का अंबार लग गया। देखते ही देखते पूरा परिसर श्मशान बन गया। इस घटना में अभी तक करीब116 लोगों की मौत हो चुकी है। इस सत्संग का आयोजन नारायण साकार हरि नाम का बाबा कर रहा था। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जब सत्संग खत्म हुआ तो बाबा से आशीर्वाद लेने के लिए के लिए महिलाएं उनकी गाड़ी के पीछे दौड़ीं, जिसके बाद भगदड़ मच गई। बहुत ज्यादा भीड़ और गर्मी थी। लोग जल्दी बाहर निकलने के चक्कर में भागने लगे। मिट्टी भी गीली थी, कीचड़ था। कई लोग फिसल गए। अगर प्रशासन मुस्तैद होता तो हादसा टल सकता था।

हादसे की चश्मदीद ज्योति ने बताया कि हम लोग सत्संग में गए। सत्संग में भारी भीड़ थी और निकलने के लिए जगह ही नहीं थी तो खेत की तरफ से निकलने की कोशिश कर रहे थे। वहां बहुत सारी बाइक खड़ी थी। यहां धक्का-मुक्की हो गई और पांव रखने के लिए जगह भी नहीं थी। अचानक हम जमीन पर गिर गए और लोग हमारे ऊपर से जाने लगे। यहां बहुत लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए।

हाथरस हादसे में मौजूद एक व्यक्ति ने कहा कि हमारे सामने दो लोगों की मौत हो चुकी थी, खुशकिस्मत हैं, जो बचकर आ गए। जिस हिसाब से भीड़ थी और कम पुलिसकर्मी तैनात थे। लेकिन वे निष्क्रिय बने रहे। 

मृतकों के परिजनों ने आरोप लगाया कि हाथरस के ट्रॉमा सेंटर सिकंदराऊ पर लाशों का ढेर लगा है। सिर्फ एक डॉक्टर मौजूद है। सत्संग स्थल से जो यहां आ रहा है, उसे रेफर कर दिया जा रहा है। न अस्पताल में ऑक्सीजन है और न ही कोई व्यवस्था है। पुलिस ने एक बंद रोड था जिसमें जाम लगा हुआ था, इसे देर रात खुलवा दिया। जिसकी वजह से यह हादसा हुआ। 

एक शख्स ने बताया कि वे अलीगढ़ के निवासी हैं। उनकी पत्नी बाबा को काफी मानती हैं। उन्होंने कई बार पत्नी गुड़िया देवी को बाबा के सत्संग में जाने के लिए मना किया था, लेकिन वह नहीं मानी। पत्नी घर के पड़ोस में रहने वाली चाची, अपनी बेटी और बहन के साथ समागम में गई थी। वहां भगदड़ मच गई।

भगदड़ की वजह से बेटी बच गई, लेकिन तीनों महिलाओं की मौत हो गई। मेहताब ने कहा कि बाबा कोई भगवान नहीं है, वह बहुत बड़ा ढोंगी है, उसको सामने आना चाहिए।

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