Gyanvapi Mosque: ज्ञानवापी मस्जिद पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के बाद जानिये हिन्दू और मुस्लिम पक्षों का ये रुख

डीएन ब्यूरो

इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद में एएसआई सर्वेक्षण को मंजूरी दिए जाने से हिन्दू पक्ष और संत समाज के लोग उत्साहित हैं। दूसरी ओर, मुस्लिम पक्ष आदेश के अध्ययन के बाद आगे की रणनीति बनाने की बात कह रहा है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

ज्ञानवापी एएसआई सर्वे फैसला
ज्ञानवापी एएसआई सर्वे फैसला


वाराणसी: इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद में एएसआई सर्वेक्षण को मंजूरी दिए जाने से हिन्दू पक्ष और संत समाज के लोग उत्साहित हैं। दूसरी ओर, मुस्लिम पक्ष आदेश के अध्ययन के बाद आगे की रणनीति बनाने की बात कह रहा है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार वाराणसी के जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम का पूरा सहयोग किया जाएगा।

अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के सचिव मोहम्मद यासीन ने कहा, ''हम उच्च न्यायालय के आदेश की कॉपी का इंतजार कर रहे हैं। आदेश के अध्ययन के बाद हम आगे की रणनीति तय करेंगे।

यासीन ने कहा, ''फैसला चाहे कुछ भी आये लेकिन मैं लोगों से अपील करता हूँ कि वे शांति-व्यवस्था और आपसी प्रेम-सौहार्द बनाये रखें।''

हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने कहा, ''उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष उच्चतम न्यायालय जा सकता है। हम भी उच्चतम न्यायालय में कैवियट दाखिल करने की तैयारी कर रहें हैं।''

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वे की इजाजत देने के उच्च न्यायालय के फैसले पर हिन्दू पक्ष से जुड़े लोग उत्साहित हैं।

अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती ने उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, ‘‘ आजादी के अमृत महोत्सव काल खंड में जब गुलामी के चिह्न मिट रहे हैं, तो काशी में ज्ञानवापी के माथे पर लगे गुलामी के चिह्न को एएसआई का सर्वे मिटाने में सक्षम होगा।''

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी। अदालत ने कहा है कि इस निर्णय के साथ जिला अदालत का सर्वेक्षण का पूर्व का आदेश तत्काल प्रभावी हो गया है।

कमेटी ने गत 21 जुलाई के वाराणसी के जिला अदालत के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।










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