Gwalior: गोवा के मुख्यमंत्री का आरोप, विपक्षी गठबंधन का एजेंडा सनातन धर्म को खत्म करना

डीएन ब्यूरो

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मंगलवार को कहा कि जिस सनातन धर्म को भारत से मुगल, अंग्रेज एवं पुर्तगाली शासक नहीं मिटा पाए, उसे मिटाने की बात विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस) वाले कर रहे हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत


ग्वालियर: गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मंगलवार को कहा कि जिस सनातन धर्म को भारत से मुगल, अंग्रेज एवं पुर्तगाली शासक नहीं मिटा पाए, उसे मिटाने की बात विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस) वाले कर रहे हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सावंत ने कहा कि इसलिए इस विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का विरोध हर हिंदू को करना चाहिए और इस विपक्षी गठबंधन को इसकी जगह दिखानी चाहिए।

ग्वालियर में भाजपा की जन आर्शीवाद यात्रा में शामिल होने आए सावंत ने प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ पुरानी बोतल में नयी शराब जैसा है। केवल संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) का नाम बदला गया है और नाम बदलने से नीति व नीयत नहीं बदलती है।’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इनका (विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का) एजेंडा सनातन हिंदू धर्म को खत्म करना है। इसका विरोध हिंदू धर्म मानने वाले हर व्यक्ति को करना चाहिए और इस गठबंधन को इनकी जगह दिखाई जानी चाहिए।’’

द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता उदयनिधि स्टालिन की सनातम धर्म विरोधी टिप्पणी की ओर इशारा करते हुए सावंत ने कहा, ‘‘जिसने भी सनातन धर्म नष्ट करने वाला बयान दिया है वह लिखित में इसे लेकर लाए थे और बयान ठीक उसी समय सामने आया, जब विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक मुंबई में हो रही थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जिस सनातन धर्म को मुगल, अंग्रेज, डच व पुर्तगाली नहीं मिटा पाए, उसे मिटाने की बात कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ वाले कर रहे हैं। मुझे लगता है कि जल्दी ही लोग उन्हीं को खत्म कर देंगे।’’

सावंत ने कहा कि भाजपा ने हमेशा से सभी धर्मों का आदर किया है और भाजपा हमेशा ‘सबका साथ, सबका विकास और सबको साथ’ लेकर चलती है।

‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ पर सावंत ने कहा, ‘‘एक राष्ट्र एक चुनाव होना चाहिए। इससे देश की प्रगति और तेज होगी। बार-बार चुनाव होने के कारण आचार संहिता लगती है, जिससे विकास कार्य रुकते हैं। इससे मानव संसाधान व वित्तीय फायदा भी होगा।’’










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