गोरखपुर: महाभारत कालीन समय माता के मंदिर से डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट, दर्शन मात्र से होती हैं मनोकामनाएं पूरी

डीएन ब्यूरो

गोरखपुर मुख्यालय से तीस किलोमीटर दूर पीपीगंज क्षेत्र में स्थित समय माता का ऐतिहासिक मंदिर कई मायनों में बेहद महत्वूर्ण है। माना जाता है कि इस महाभारत कालीन मंदिर के दर्शन से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट



पीपीगंज (गोरखपुर): गोरखपुर जिले से तीस किलोमीटर दूर पीपीगंज क्षेत्र के पश्चिम में स्थित गूरम पोखरा पर स्थित समय माता का ऐतिहासिक मंदिर आदिकाल से ही कई मायनों में महत्वपूर्ण है। कहा जाता है कि महाभारत काल में पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान इस मंदिर में लंबा वक्त बिताया था। माना जाता है कि इस ऐतिहासिक मंदिर में माता के दर्शन से श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूर्ण होती है।

आख्यानों के अनुसार अज्ञातवास में पांडवों ने काफी दिनों तक इस मंदिर में न केवल समय बिताया बल्कि वे यहां माता की पूजा-अर्चना भी करते थे। पांडव यहां के जलाशय में मिट्टी के वर्तन में अनाज डालकर छोड़ देते थे, जो कुछ ही देर में पक जाता था, जिससे सभी पांडव भाई अपनी भूख शांत करते थे। 

पौराणिक कथाओं के अनुसार भक्तों और राहगीरों द्वारा सच्चे मन से मुराद मांगने पर इस पोखरे से चांदी और पीतल के बर्तन निकलते थे, जिसमें लोग भोजन बनाने के बाद सभी वर्तन को इसी नदी में विसर्जित कर दिया करते थे। इस मंदिर और इस स्थान की ख्याति दूर दूर तक फैली हुई है। 

बिहार, बंगाल, दिल्ली, लखनऊ, कानपुर, बस्ती, बनारस, बहराइच समेत कई दूर-दूर के शहरों से यहां श्रद्धालु आते रहते हैं और अपना मनोवांछित फल प्राप्त करते है। नवरात्रि और दशहरे में यहां काफी सजावट होती है और चहल पहल रहती है। 

यहां बड़ी संख्या में भक्त पहुंचकर जागरण, भजन कीर्तन, आरती करते हैं जिससे पूरा क्षेत्र भक्ति की स्वर लहरियों से गुंजायमान रहता है। कहा जाता है कि यहां सभी श्रद्धालुओं की सच्चे मन से मांगी गई सभी मुरादें पूरी होती है।










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