बच्चों के भविष्य के निर्माता कहे जाने वाले शिक्षक आज दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर हैं। यूपी में शिक्षकों की हालत ऐसी है कि उन्हें खुद के भविष्य के बारे में कुछ भी नहीं पता। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य के 1.72 लाख शिक्षामित्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। तमाम जिलों में शिक्षामित्रों का प्रदर्शन जारी है। शिक्षामित्रों के अलावा टीईटी, कम्प्यूटर शिक्षक और अब बीटीसी प्रशिक्षित शिक्षक भी अपनी नौकरी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। आज-कल यूपी में धरने-प्रदर्शन और आंदोलन का मौसम लौट आया है। तस्वीरों में देखिये यूपी के शिक्षकों का हाल..
लखनऊ में शिक्षामित्रों का उग्र प्रदर्शन
शिक्षामित्रों के समायोजन के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद लखनऊ में शिक्षामित्रों ने भाजपा मुख्यालय का घेराव कर उग्र प्रदर्शन किया।
महराजगंज में महिला शिक्षामित्रों का मोर्चा
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महराजगंज में महिला शिक्षामित्र भी सड़क पर उतरने पर मजबूर हो गई। शिक्षामित्रों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और गुस्सा जताया।
कानपुर में लखनऊ हाईवे जाम
शिक्षामित्रों ने कानपुर में कैबिनेट मंत्री सतीश महाना के आवास पर प्रदर्शन कर नारेबाजी की। प्रदर्शने के दौरान कानपुर-लखनऊ हाईवे जाम कर दिया। वहीं शिक्षामित्रों ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
फतेहपुर में भूख हड़ताल पर शिक्षामित्र
फतेहपुर में शिक्षामित्रों ने प्रदर्शन का नया तरीका अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जिले के सभी शिक्षामित्र भूख हड़ताल पर बैठकर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं।
टीईटी 2011 के उम्मीदवारों का आंदोलन
शिक्षामित्रों के अलावा लखनऊ में टीईटी 2011 के उम्मीदवार भी आंदोलन पर उतरे। यूपी टीईटी पास 2011 बैच के उम्मीदवारों ने नौकरी की मांग को लेकर भाजपा मुख्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया।
कम्प्यूटर शिक्षकों का आमरण अनशन
लखनऊ में हजारों कम्प्यूटर शिक्षक अपनी नौकरी की मांग को लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में आमरण अनशन पर बैठे हैं। ये शिक्षक 27 जुलाई से अनशन कर रहे हैं।
बीटीसी प्रशिक्षित उम्मीदवारों का प्रदर्शन
शिक्षामित्रों के बाद लखनऊ में अब बीटीसी प्रशिक्षित उम्मीदवार भी प्रदर्शन पर उतारू हो गए हैं। नौकरी की मांग को लेकर बीटीसी प्रशिक्षित भी उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं।
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