यूपी के पूर्व डिस्टी सीएम दिनेश शर्मा का बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक को लेकर बड़ा बयान, जानिये क्या कहा

डीएन ब्यूरो

बेंगलुरु में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विरोधी दलों की दो दिवसीय बैठक से पहले उत्तर प्रदेश के पूर्व उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने सोमवार को दावा किया कि विपक्षी एकता में ‘स्वार्थ का दीमक’ लग गया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

उत्तर प्रदेश के पूर्व उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा
उत्तर प्रदेश के पूर्व उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा


लखनऊ: बेंगलुरु में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विरोधी दलों की दो दिवसीय बैठक से पहले उत्तर प्रदेश के पूर्व उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने सोमवार को दावा किया कि विपक्षी एकता में ‘स्वार्थ का दीमक’ लग गया है।

आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा का एकजुट होकर मुकाबला करने की रणनीति पर चर्चा के लिए 24 विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं के बेंगलुरु में आयोजित होने वाली दो दिवसीय बैठक में हिस्सा लेने की संभावना है।

महागठबंधन बनाने की विपक्षी दलों की कोशिशों पर निशाना साधते हुए शर्मा ने दावा किया, “चाहे कितने भी गठबंधन बन जाएं, वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला नहीं कर पाएंगे।”

उन्होंने कहा, “राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के 99 प्रतिशत सदस्य बिखर गए हैं। लोगों को विपक्षी दलों के नेताओं पर भरोसा नहीं है, जबकि मोदीजी में विश्वास बढ़ा है।”

शर्मा ने  कहा, “विपक्षी कुनबा कभी एकजुट नहीं रहा। आंतरिक दरारें हमेशा बनी रहीं। स्वार्थ का दीमक लगने से चीजें अंदर से खोखली हो जाती हैं। विपक्षी एकता में स्वार्थ का दीमक लग गया है और यह इसे खात्मे की ओर ले जा रहा है।”

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पूर्व उप-मुख्यमंत्री ने दावा किया कि नेतृत्व और मुद्दों के अभाव के कारण विपक्षी दलों में ‘हताशा’ है।

भाजपा नेता ने कहा, “यह सिर्फ चुनावों को ध्यान में रखकर बनाया जाने वाला एक बेमेल गठबंधन है। चुनाव खत्म होते ही यह हमेशा के लिए बिखर जाएगा।”

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पटना में 23 जून को विपक्षी एकता के लिए बुलाई गई पिछली बैठक में 15 दलों ने हिस्सा लिया था। एक सूत्र ने कहा, “इस बार हम 26 विपक्षी दलों के नेताओं के बैठक में शामिल होने की उम्मीद कर रहे हैं।”

यह बैठक शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा में विभाजन और पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों की पृष्ठभूमि में भी हो रही है, जिसमें बड़े पैमाने पर हुई हिंसा में कई लोगों की जान चली गई और कांग्रेस एवं वाम दलों की प्रदेश इकाइयों ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाया।

सूत्रों के मुताबिक, बैठक में विपक्षी दल भाजपा की नीतियों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन के लिए एक संयुक्त योजना भी तैयार कर सकते हैं।










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