Food Wastage: भोजन की बर्बादी आपकी जेब पर पड़ती है भारी, स्वस्थ आहार खर्च के लिए अपनाएं ये खास टिप्स

जीवन यापन के बढ़ते खर्च से लोगों, विशेष रूप से कम आय वाले (जिनका आहार अक्सर समुचित नहीं होता है), के लिए स्वस्थ आहार का खर्च उठा पाना कठिन होता जा रहा है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 13 September 2023, 5:01 PM IST
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शेफील्ड: जीवन यापन के बढ़ते खर्च से लोगों, विशेष रूप से कम आय वाले (जिनका आहार अक्सर समुचित नहीं होता है), के लिए स्वस्थ आहार का खर्च उठा पाना कठिन होता जा रहा है। इसके बावजूद, ब्रिटेन में घरों में हर साल आश्चर्यजनक मात्रा में भोजन बर्बाद होता है। इसमें लगभग 68 किलोग्राम फल और सब्जियां भी शामिल है।

खाने की बर्बादी न केवल आपकी जेब पर भारी पड़ती है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है। वैश्विक स्तर पर, हर साल 1.3 अरब टन भोजन बर्बाद हो जाता है, जिससे दुनिया के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का लगभग आठ प्रतिशत उत्पन्न होता है। ये उत्सर्जन खाद्य आपूर्ति श्रृंखला के सभी चरणों में अप्रयुक्त भोजन से उत्पन्न होता है।

हमारे हालिया अध्ययन से हालांकि पता चला है कि जो लोग बगीचों और आवंटित जमीनों में फसल और सब्जियां स्वयं उगाते हैं, वे औसतन केवल 3.4 किलोग्राम फल और सब्जियां बर्बाद करते हैं - जो ब्रिटेन के औसत से 95 प्रतिशत कम है। इन परिवारों ने भोजन की बर्बादी को कम करने के लिए विभिन्न प्रथाओं को अपनाया, जिसमें अपनी अतिरिक्त उपज को संरक्षित करना या किसी अन्य को दे देना भी शामिल है।

हाल के वर्षों में ब्रिटेन और अन्य जगहों पर बगीचों, सामुदायिक उद्यानों और आवंटित भूमि पर ताजा फसल एवं सब्जियां उगाने में दिलचस्पी फिर से बढ़ी है। हालांकि आवंटित जमीन से होने वाली आपूर्ति बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है।

घरेलू फल और सब्जी उत्पादन के लिए अधिक भूमि आवंटित होने से शहरी निवासियों के लिए ताजा उपज की उपलब्धता में महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है।

अनुसंधान से पता चला है कि शेफील्ड में खेती के लिए उपलब्ध जगह का केवल 10 प्रतिशत उपयोग करने से शहर की 15 प्रतिशत आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त फल एवं सब्जियों की आपूर्ति की जा सकती है। अधिक लोगों द्वारा अपना भोजन स्वयं उगाने से बर्बादी भी कम हो सकती है।

भोजन डायरी

हमारे अध्ययन में ब्रिटेन के 197 परिवारों को शामिल किया गया जो अपनी फल एवं सब्जियां स्वयं उगाते हैं। हमने उनसे एक खाद्य डायरी बनाए रखने के लिए कहा, जहां उन्होंने प्रत्येक सप्ताह प्राप्त किए गए फल और सब्जियों की मात्रा दर्ज की। हमें 85 अलग-अलग घरों से संपूर्ण रिकॉर्ड प्राप्त हुए।

उन्होंने यह दर्ज किया कि प्रत्येक वस्तु में से कौन सी चीज की खेती उनके बगीचे या आवंटित भूमि पर की गई, दुकानों या बाजारों से खरीदी गई, अन्य उत्पादकों से प्राप्त की गई, या जंगल से प्राप्त किया गया। परिवारों ने यह भी दर्ज किया कि उन्होंने अपने परिवार और मित्रों को कितनी उपज दी और कितनी मात्रा में उन्हें बाहर फेंकना पड़ा।

हमारे निष्कर्षों से पता चला कि जो व्यक्ति अपने खाने की चीजें स्वयं उगाते हैं, वे ब्रिटेन में औसत व्यक्ति की तुलना में भोजन की बर्बादी से बचने के लिए अधिक इच्छुक हो सकते हैं। ऐसा संभवतः इसलिए क्योंकि वे अपने द्वारा उगाई गई उपज को अधिक महत्व देते हैं।

इससे मिले परिणाम जर्मनी और इटली में किए गए पहले के शोध से मेल खाते हैं। इस अध्ययन में पाया गया कि फेंके जाने वाली खाद्य सामग्री की मात्रा उन लोगों में सबसे अधिक थी जो विशेष रूप से बड़े सुपरमार्केट में खरीदारी करते हैं। जिन लोगों ने विभिन्न छोटी दुकानों से सामान खरीदा, उन्होंने कम खाना बर्बाद किया, जबकि जो लोग खाने की चीजें खुद उगाते हैं, उन्होंने सबसे कम खाना बर्बाद किया।

चाहे आप खाने की चीजें खुद उगाएं या नहीं, हर कोई खाद्य चीजें खरीदते या उगाते समय सावधानी बरत सकता है। पहले से योजना बनाना और अतिरिक्त भोजन को बर्बाद होने से बचाने के लिए उसे फ्रीज करना या दूसरों के साथ साझा करना अच्छे विकल्प हैं। हालांकि कुछ भोजन की बर्बादी अपरिहार्य है। इसे लैंडफिल के लिए भेजने के बजाय इसे कंपोस्ट करने से ग्रह पर इसका प्रभाव काफी हद तक कम हो जाएगा।

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