देश के हवाईअड्डों पर पहले ज्यादा चाक-चौबंद होगी सुरक्षा व्यावस्था, जानिये नहीं योजना के बारे में
नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के प्रमुख जुल्फिकार हसन ने सोमवार को बताया कि देश के हवाईअड्डों पर चरणबद्ध तरीके से फुल बॉडी स्कैनर लगाए जाएंगे और बड़े हवाईअड्डों पर यह प्रक्रिया एक साल के भीतर शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में निजता संबंधी कोई समस्या नहीं होगी क्योंकि इसे दुनिया भर में पहले ही हल किया जा चुका है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के प्रमुख जुल्फिकार हसन ने सोमवार को बताया कि देश के हवाईअड्डों पर चरणबद्ध तरीके से फुल बॉडी स्कैनर लगाए जाएंगे और बड़े हवाईअड्डों पर यह प्रक्रिया एक साल के भीतर शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में निजता संबंधी कोई समस्या नहीं होगी क्योंकि इसे दुनिया भर में पहले ही हल किया जा चुका है।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी यात्री को कोई स्वास्थ्य समस्या है और इस वजह से वह इस तरह के स्कैनर का प्रयोग नहीं कर सकता तो उसके लिए दूसरे विकल्प मौजूद होंगे।
बीसीएएस ने हवाईअड्डों पर फुल बॉडी स्कैनर को लगाने के लिए अगले वर्ष के अंत तक की समयसीमा तय की है।
हसन ने राष्ट्रीय राजधानी में संवाददाताओं को बताया कि बीसीएएस ने समयसीमा तय कर दी है लेकिन कुछ खरीद प्रक्रिया संबंधी समस्याएं हैं क्योंकि हवाईअड्डा संचालकों को ये मशीने दुनियाभर में सिर्फ दो से तीन विक्रेताओं से ही प्राप्त होती हैं।
इसकी शुरुआत दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे बड़े हवाईअड्डों पर फुल बॉडी स्कैनर लगाने के साथ होगी।
हसन ने बताया, ''हम फुल बॉडी स्कैनर लगाएंगे और ऐसा चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। हमने कुछ हवाईअड्डों को निर्देश दिए हैं और हमें उम्मीद है कि एक साल के भीतर बड़े हवाईअड्डों पर यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।'' अधिकारी के मुताबिक, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों की वजह से फुल बॉडी स्कैनर का प्रयोग नहीं करने वाले यात्रियों के लिए दूसरे विकल्प मौजूद होंगे।
फुल बॉडी स्कैनर का प्रयोग करने से संभावित निजता संबंधी समस्याओं के बारे में पूछे जाने पर बीसीएएस प्रमुख ने बताया कि इस तरह की समस्याओं को दुनियाभर और भारत में भी हल किया जा चुका है।
बीसीएएस के महानिदेशक यहां 31 जुलाई से पांच अगस्त तक चलने वाले विमानन सुरक्षा संस्कृति सप्ताह को संबोधित कर रहे थे।