नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस में 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का लेखाजोखा दिया है।
उन्होनें कहा है कि पैकेज के जरिए ग्रोथ को बढ़ाना है। भारत को आत्मनिर्भर बनाना है। इसलिए इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान कहा जा रहा है। स्थानीय ब्रांड को दुनिया में पहचान दिलानी है। आत्मनिर्भर भारत का मतलब आत्मविश्वासी भारत का है, जो लोकल लेवल पर उत्पाद बनाकर ग्लोबल उत्पादन में योगदान करे, न कि अपने में सीमित रहे।
लॉकडाउन के बाद गरीब कल्याण योजना का ऐलान किया गया था। लॉकडाउन में राशन और अनाज का वितरण किया गया। जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उनको भी राशन मुहैया करवाया गया। लोगों के खाते में पैसे पहुंचाए गए।
साथ ही उन्होनें कहा की छोटे उद्योगों (MSME) के लिए 6 बड़े कदम उठाए गए हैं। इनमें MSME को 3 लाख करोड़ रुपये का बिना गारंटी के लोन दिया जाएगा। संकट में फंसे एमएसएमई के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। एमएसएमई की परिभाणा में बदलाव किया गया है। ज्यादा टर्नओवर के बावजूद एमएसएमई का दर्जा खत्म नहीं होगा।
एक करोड़ के निवेश वाली कंपनियां माइक्रो यूनिट होंगी। कारोबार ज्यादा होने पर भी एमएमएमई का फायदा मिलता रहेगा। हर तरह के सेक्टर में लगी एमएसएमई को योजना से फायदा होगा।