DN Exclusive फतेहपुर: मठ की बेशकीमती जमीन पर भूमाफियाओं का कब्जा, दर-दर की ठोकर खा रहे संत

डीएन ब्यूरो

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सूबे में भूमाफियाओं पर नकेल कसे के हर संभव प्रयास पर रही है लेकिन इसके बाद भी माफियाओं पर अंकुश लगाना योगी सरकार की बड़ी चुनौती बनी हुई है। बेलगाम भूमाफियाओं ने फतेहपुर केआश्रम पर कब्जा कर लिया है, जिस कारण संत दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..

मठ परसिर में बने कॉलेज के बाहर उपस्थित संत और ग्रमीण
मठ परसिर में बने कॉलेज के बाहर उपस्थित संत और ग्रमीण


फतेहपुर: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सूबे में भूमाफियाओं के खिलाफ कई तरह के अभियान चलाये हुए है लेकिन भूमाफिया है कि सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। भूमाफियाओं के कारण सीएम योगी के शासन में कुछ योगी घर से बेघर हो गये हैं। मामला फतेहपुर के गाजीपुर थाना क्षेत्र के शाह स्थित संतों के एक आश्रम (मठ) से जुड़ा हुआ है, जहां कुछ असलहाधारियों ने मठ पर जबरन कब्जा कर उन्हें बाहर कर दिया है और आश्रम की सम्पति को अपनी बताकर उस पर कब्जा जमा लिया है।

 

 

भूमाफियाओं की करतूत के कारण आश्रम के कर्ताधर्ता संत अमर चैतन्य दो महीने से दर-दर भटक रहे है। न्याय की गुहार लगाने के बाद भी अमर चैतन्य को कहीं से इंसाफ मिलता नहीं दिख रहा है, जिस कारण यहां के स्थानीय संत बिरादरी में भी व्यापक आक्रोश है।

मठ में बने विद्यालय पर भी दबंगों का कब्ज़ा

डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत करते हुऐ स्वामी अमर चैतन्य ने कुछ दबंगों पर उनके आश्रम की जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप लगाया है। उनके मुताबिक माफियाओं ने कब्जे के बाद ज़मीन के बड़े हिस्से को बेच भी दिया है और कई बीघे ज़मीन बलकट में उठा दिया है। आरोप है कि मठ में बने विद्यालय पर भी दबंगों ने कब्ज़ा कर लिया है। 

 

 

डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में उन्होंने शाह में रहने वाले रमेश तिवारी पर बड़ा आरोप लगाया है। संत का कहना है कि तिवारी ने हमारे गुरु ईश्वरानंद के नाम पर गलत तरीके से कई बीघे ज़मीन अपने नाम कर ली है, जबकि ट्रस्ट डीड के अनुसार यह सम्भव नहीं है। सूत्रों की माने तो इस मामले में पुलिस प्रशासन की भूमिका भी पूरी तरह संदिग्ध है।

एसपी ने एएसपी को दिये जांच के आदेश

आश्रम पर कब्जे के बाद शाह स्थित आश्रम मठ के संतों के एक प्रतिनिधिमण्डल ने इस बाबत एसपी राहुल राज से भी मुलाकात की और न्याय की गुहार लगाई। संतों की शिकायत पर एसपी ने एएसपी को जांच के आदेश सौंपे, लेकिन उसके बाद भी अभी तक कोई कार्यवाही न होने से संतों में काफी निराशा है।

पुलिस की भूमिका संदिग्ध

सूत्रों का कहना है कि संबंधित थाने और पुलिस विभाग के कुछ लोग भी निजी स्वार्थ को लेकर दबंगों के साथ में मिले हुए है, जिस कारण मामले में कार्यवाही नहीं हो पा रही है। क्योंकि पुलिस वाले अधिकारियों को गलत रिपोर्ट दे रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस मामले में प्रशासन द्वारा उनसे कोई पूछताछ नहीं की जा रहीं है, नहीं तो मामला पूरी तरह से साफ हो जाता।

 

 

मठ का इतिहास और गुरू शिष्य परंपरा

फतेहपुर के शाह स्थित मठ की स्थापना संत स्वामी गोविंद पुरी ने की थी। सत्रह अप्रैल 1963 में शिवकैलाश पुरी के नाम से एक ट्रस्ट डीड पंजीकृत की गई, जिसके अनुसार आश्रम में उत्तराधिकारी अर्थात सर्वराहकार की नियुक्ति की गई। इसके अनुसार गुरु शिष्य परम्परा के अनुसार इस आश्रम का संचालन होगा। इस डीड के अनुसार कोई भी इस आश्रम की किसी भी प्रकार की संपत्ति को बेच नहीं सकता है। मठ का उत्तराधिकारी बनने वाला व्यक्ति विवाह नहीं करेगा।

कब कौन बना उत्तराधिकारी

स्वामी गोविंदपुरी ने अपने शिष्य स्वामी त्यागानन्द को सर्वराहकार नियुक्त किया। स्वामी त्यागानन्द ने अपने दो शिष्य- स्वामी सुखानंद और स्वामी ईश्वरानंद बनाये। स्वामी त्यागानन्द ने अपने जीवन काल में स्वामी ईश्वरानंद को सर्वराहकार नियुक्त किया। स्वामी ईश्वरानंद ने अपने दो शिष्य बनाए स्वामी राम चैतन्य ब्रह्मचारी और स्वामी अमर चैतन्य। स्वामी ईश्वरानंद की आकस्मिक मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारी राम चैतन्य बने।

कब्जा करने का बड़ा कारण

बताया जा रहा है कि राम चैतन्य ने अपने जीवन काल में कोई शिष्य नहीं बनाया, जिसके कारण नियमानुसार अमर चैतन्य उस ट्रस्ट के सर्वराहकार हो गए। इस ट्रस्ट में एक विद्यालय है। स्वामी गोविंदपूरी इंटर कॉलेज और जिले से लेकर अन्य जिले में कई बीघे ज़मीन है, जिसकी वर्तमान कीमत करोड़ों रुपये है। बताया जाता है कि इसी बेशकीमती जमीन पर कब्जे की नीयत से कुछ लोगों ने आश्रम की जमीन पर कब्जा कर लिया। 










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