

यूपी एटीएस ने सहारनपुर पुलिस के सहयोग से देवबंद में दबिश दी और इसके बाद 3 ऐसे आरोपियों के गिरफ्तार किया जो फर्जी पासपोर्ट बनाने के फर्जीवाड़े में जुटे हुए थे। इनमें से एक आरोपी बाग्लादेशी है, जो इस अवैध काम में लंबे समय से संलिप्त बताया जाता है। इनकी गिरफ्तारी से कई मामलों से पर्दा उठ सकता है।
लखनऊ: यूपी एटीएस ने बड़ी कार्यवाही करते हुए बांग्लादेशियों के फर्जी पासपोर्ट बनाने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में एटीएस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपियों में से एक युसूफ अली बांग्लादेश का रहने वाला है। वहीं एहसान अहमद और वसीम अहमद देवबंद का रहने वाला है। उनके पास से भारी मात्रा में फर्जी प्रमाण पत्र, लैपटॉप व अन्य चीजें बरामद हुई हैं।
मामले की जानकारी के बाद यूपी एटीएस ने सहारनपुर पुलिस के सहयोग से सहारनपुर के देवबंद में दबिश दी और 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया। जांच के दौरान एटीएस को पता लगा कि युसूफ अली नाम के एक शख्स ने भी देवबंद में ही रहकर फर्जी पासपोर्ट बनवाया है और वह इस बड़े रैकेट का सक्रिय मेंबर भी है। बाद में एटीएस ने कार्यवाही करते हुए युसूफ को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया।
वहीं गिरफ्तार आरोपी यूसुफ के बैंक खाते से सऊदी अरब से 1 लाख से अधिक रूपयों का कई बार लेन देन हुआ है। बाद में एटीएस ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से वसीम अहमद और एहसान अहमद नाम के 2 अन्य आरोपियों को हिरासत में लिया। ये आरोपी फर्जी शपथ पत्र तैयार कर संबंधित विभागों के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से पासपोर्ट बनवा कर बांग्लादेशियों से मोटी रकम वसूलते थे।
मामले में आरोपियों को एटीएस रिमांड पर लेकर लखनऊ लाने की तैयारी कर रही है और गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में सुरक्षा एजेंसियां जुटी हुई है। मामले में आईजी एटीएस असीम अरुण ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से देश की सुरक्षा आतंकवाद जैसे बिंदुओं पर गहन पूछताछ जारी है और मामले में जिन कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आएगी, उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। वहीं गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर स्थित थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
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