गोरखपुर प्राधिकरण पर किसानों का हल्ला बोल, कहा- अगर मांग पूरी नहीं हुई तो…
किसानों का कहना है कि क्रय-विक्रय पर लगाए गए प्रतिबंध से उनके मौलिक अधिकारों का सीधा हनन हो रहा है। जमीन न तो बेची जा सकती है और न ही उस पर निर्माण या अन्य उपयोग संभव है, जिससे किसान आर्थिक और मानसिक संकट में हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भूमि अर्जन के दौरान सभी खसरा नंबरों को शून्य दिखाया गया है, जो पूरी तरह गलत और भ्रामक है।