

जबरन सेवानिवृत्ति के योगी सरकार के फैसले को लेकर सभी कर्मचारी संगठनो में रोष है। इस मामलें में सरकार के अस्पष्ट रूख को लेकर कर्मचारी संगठन सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में हैं।
लखनऊ: 50 साल से ऊपर के अक्षम कर्मियों को जबरन सेवानिवृत्ति देने के योगी सरकार के फैसले को लेकर सरकारी कर्मचारियों में भारी रोष है। सरकारी कर्मचारी योगी सरकार के इस फैसले के खिलाफ लामबंद होने लगे है।
सीएम के आश्वासन पर स्थगित किया था आन्दोलन
बीते 8 जून को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम से मुलाकात कर अपनी समस्याओं से अवगत कराया। जिस पर सीएम योगी ने कोई सकारात्मक फैसला लिये जाने का आश्वासन दिया था। कर्मचारी परिषद के मुख्य संयोजक जे एन तिवारी ने बताया की सीएम के आश्वासन पर ही उन्होंने अपना 9 अगस्त का विधान सभा घेराव कार्यक्रम स्थगित कर दिया।
सरकार के फैसले की आड़ में लगाया उत्पीड़न का आरोप
कर्मचारी परिषद के मुख्य संयोजक जे एन तिवारी ने कहा की कई विभागों के आला अफसर सरकार के इस फैसले के आड़ में अपने अधीनस्थ कर्मचारियों का शोषण करने में लगे हैं। उन्होंने कहा की जो कर्मचारी किसी श्रम यूनियन से जुड़े हैं और 50 साल की उम्र पार कर चुके हैं, सबसे ज्यादा उनका शोषण किया जा रहा है।
कर्मचारियों को नियमित करने की मांग
कर्मचारी परिषद के मुख्य संयोजक ने कहा की सरकार संविदा और ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों को नियमित करें। साथ ही उन्होंने कहा की सरकारी विभागों मे लाखों की संख्या में पद खाली पड़े हैं। सरकार उन पदों पर भर्तियां करें। जिससे बेरोजगार लोगों को रोजगार मिल सके। वहीं अभी तक सातवें वेतनमान का लाभ न मिलने को लेकर भी कर्मचारी संघों में सरकार से नाराजगी है। उन्होंने बताया की यदि सरकार उनकी मांगे नही मानती है तो आगामी 11 सितंबर को हजारों की तादाद में सरकारी कर्मचारी मुख्यमंत्री सचिवालय का घेराव कर प्रदर्शन करेगें।
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