मादक पदार्थ तस्कर ललित पाटिल मामला : पुणे के सरकारी अस्पताल का चिकित्सा अधिकारी गिरफ्तार
महाराष्ट्र के पुणे में पुलिस ने मादक पदार्थ तस्कर ललित पाटिल के एक सरकारी अस्पताल से भागने के मामले में ससून जनरल अस्पताल के एक चिकित्सा अधिकारी को गिरफ्तार किया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
पुणे: महाराष्ट्र के पुणे में पुलिस ने मादक पदार्थ तस्कर ललित पाटिल के एक सरकारी अस्पताल से भागने के मामले में ससून जनरल अस्पताल के एक चिकित्सा अधिकारी को गिरफ्तार किया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अधिकारी ने बताया कि अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण देवकाते को सोमवार देर रात गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने कहा कि जांच से पता चला कि मादक पदार्थ का रैकेट चलाने वाले ललित पाटिल के अस्पताल में रहने के दौरान देवकाते एक अन्य आरोपी के माध्यम से लगातार उसके संपर्क में था।
अधिकारी ने बताया कि देवकाते ने पाटिल को अस्पताल से भागने में कथित तौर पर मदद की थी।
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पाटिल करोड़ों रुपये के मेफेड्रोन जब्ती मामले में वांछित था। वह दो अक्टूबर को ससून जनरल अस्पताल से उस वक्त भाग गया, जब उसे एक्स-रे के लिए ले जाया गया था।
पाटिल के भागने के दो सप्ताह बाद उसे 17 अक्टूबर को बेंगलुरु में गिरफ्तार कर लिया गया था।
अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने सोमवार को यरवदा केंद्रीय जेल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय काशीनाथ मार्सले को भारतीय दंड संहिता की धारा 223 (लोक सेवक द्वारा लापरवाही बरतने से कारावास या हिरासत से भागना) और अन्य प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामले में गिरफ्तार किया।
पुलिस के अनुसार, मार्सले ने इलाज के बहाने पाटिल को जेल से ससून जनरल अस्पताल में स्थानांतरित करने में भूमिका निभाई थी।
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इस मामले में अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
पुणे पुलिस ने 30 सितंबर को ससून जनरल अस्पताल के बाहर से दो करोड़ रुपये के मेफेड्रोन के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। इस मामले की जांच में अस्पताल कैंटीन के एक कर्मचारी की गिरफ्तारी हुई, जिसने खुलासा किया कि उस समय अस्पताल में भर्ती पाटिल द्वारा मादक पदार्थ की आपूर्ति की गई थी।
पाटिल दो महीने तक चले अभियान में 300 करोड़ रुपये मेफेड्रोन की जब्ती के मामले में वांछित था। अभियान में नासिक में एक दवा निर्माण इकाई पर छापा भी शामिल था।